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तीसरी लहर की आशंका के बीच शिक्षा मंत्री ने दिए स्कूल खोलने के संकेत, स्वास्थ्य मंत्री बोले अभी बच्चों के लिए खतरा

locationरायपुरPublished: Jun 08, 2021 11:15:15 am

Submitted by:

Ashish Gupta

छत्तीसगढ़ में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री आमने-सामने हो गए हैं। डॉ. प्रेमसाय सिंह ने 16 जून से स्कूल खुलने के संकेत दिए हैं।

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रायपुर. छत्तीसगढ़ में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री आमने-सामने हो गए हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह ने 16 जून से स्कूल खुलने के संकेत दिए हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (CG Health Minister TS Singhdeo) इसके पक्ष में नजर नहीं आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री तीसरी लहर (Third wave of Corona) की आशंका को देखते हुए स्कूल खोthirलने को लेकर सहमत नहीं है। ऐसे में अंतिम फैसला राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में होगी।

वहीं माना जा रहा है कि पिछली बार की तरह इस बार भी अभिभावकों की सहमति से ही स्कूलों में पढ़ाई शुरू होगी। बता दें कि तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सीबीएसई (CBSE) बोर्ड ने 12वीं की परीक्षा भी स्थगित कर दी है। हालांकि छत्तीसगढ़ 12वीं की परीक्षा दूसरे पैटर्न पर हो रही है।

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यह है शिक्षा मंत्री का तर्क
स्कूल खोले जाने के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय का कहना है, देखिए आशा तो करना ही चाहिए। जैसा कि अब धीरे-धीरे संक्रमण कम हो रहा है। अब ऐसे ही हालात रहे हैं तो प्रदेश में स्कूल को खोलने पर 16 जून के बाद विचार कर सकते हैं।

यह है स्वास्थ्य मंत्री का तर्क
इस पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है, इससे मैं सहमत नहीं हूं। इस संबंध में मेरे से कोई चर्चा नहीं हुई है। कैबिनेट की बैठक में भी ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है। विभाग की तरफ से भी न तो कोई प्रस्ताव आया है और ना ही मेरे से अभिमत लिया गया है। मेरी राय में स्कूल खोलने का यह सही समय नहीं है। हम बच्चों को रिस्क में नहीं डाल सकते हैं। उन्होंने कहा, तीसरी लहर में बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। वहीं हम इसके लिए बच्चों को एक्सपोज करने की बात सोच रहे हैं, तो इस पर विचार करना चाहिए।

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पिछली बार फरवरी में खुले थे स्कूल
पिछली बार भी कोरोना संक्रमण की वजह से शैक्षणिक सत्र की शुरुआत समय पर नहीं हो सकी थी। हालांकि स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया लगभग समय पर हो गई थी। पाठ्यपुस्तकों का वितरण भी किया गया था, लेकिन स्कूल नहीं खुले थे। पिछली बार 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खुलने की शुुरआत 15 फरवरी को हुई थी। यानी शिक्षा सत्र खत्म होने के कुछ माह पूर्व ही। वहीं पढ़ाई तुंहर द्वार के जरिए बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा था। इसके अलावा मोहल्ल क्लास और अन्य माध्यमों से भी बच्चों की पढ़ाई जारी रखने की कोशिश की गई थी।

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