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Opinion: नक्सलमुक्त गांव में विकास कर कायम करें मिसाल

केंद्रीय गृहमंत्री Amit Shah के ऐलान के बाद छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग का गांव बडेसेट्टी ने की बड़ी पहल...

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Opinion : सरकार नक्सल आतंक को समाप्त करने के लिए कई मोर्चे पर एकसाथ काम कर रही है। सरकार ने छत्तीसगढ़ समेत देश को नक्सलमुक्त करने के लिए समयसीमा तय कर दी है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सल समस्या को जड़ से समाप्त कर देगी। इसके तहत नक्सल हिंसा प्रभावित इलाकों में मिशन ऑलआउट जोरदार तरीके से चलाया जा रहा है। साथ ही ऐसे क्षेत्रों में विकास के कई काम तेजी से कराए जा रहे हैं। वहीं, अब यह बड़ा ऐलान किया गया है कि जो गांव नक्सलमुक्त होगा, उसे सरकार एक करोड़ रुपए का इनाम दिया जाएगा। बस्तर पंडुम में शामिल होने दंतेवाड़ा आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसी माह की 5 तारीख को यह महत्वपूर्ण ऐलान किया था। इसका सकारात्मक परिणाम भी बहुत जल्द ही सामने आया। सिर्फ 13 दिनों के भीतर ही नक्सलगढ़सुकमा जिले के बडेसेट्टी गांव के नक्सल विचारधारा से प्रभावित जो अंतिम 11 लोग बचे थे, उन्होंने आतंक की इस विचारधारा को त्यागकर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया। इस तरह सरकार की पहल के बाद बडेसेट्टी गांव भारत का पहला नक्सलमुक्त गांव बन गया।

छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय की सरकार बनने के बाद से नक्सल मोर्चे पर तेजी से काम हुआ है। सरकार ने नई नक्सल पॉलिसी भी जारी की है। 31 मार्च 2026 की डेडलाइन के मद्देनजर सरकार नक्सल मोर्चे पर कमर कसकर मैदान में है। इस वर्ष 2025 के 112 दिनों में ही विभिन्न मुठभेड़ों में छत्तीसगढ़ में 140 से ज्यादा नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यह सरकार की जनहितैषी नीति, नक्सलवाद उन्मूलन अभियान और समग्र विकास ने इन क्षेत्रों में सकारात्मक और परिणाममूलक परिवर्तन की शुरुआत है। इन सबके बीच कहीं ऐसा न हो कि यह नक्सलमुक्त गांव को एक करोड़ देने की पहल का गलत फायदा न उठा लिया जाए। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि पहले भी कुछेक अच्छे प्रयास नक्सल समस्या के समाधान के लिए किए गए थे, लेकिन कुछ अफसर-नेताओं ने इसका गलत फायदा उठाने लगे थे। इसका दुष्परिणाम यह हुआ था कि नक्सल समस्या समाप्त होने की बजाय बढ़ती चली गई। अब सरकार को चाहिए कि वह इस मोर्चे पर गहन निगरानी करे। साथ ही पहले नक्सलमुक्त गांव बडेसेट्टी में इस तरह विकास करे कि वह एक मिसाल बन जाए और दूसरे अन्य नक्सल प्रभावित गांव भी इसे देखकर नक्सलमुक्त हो विकास के लिए समाज की मुख्यधारा में आ जाएं।

- अनुपम राजीव राजवैद्य

anupam.rajiv@epatrika.com