ये भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ के इस विधानसभा सीट पर इस बार पार पाना नहीं आसान, त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी भाजपा-कांग्रेस सिमी के स्लीपर सेल के एक बार फिर से सक्रिय होने के संकेत मिले हैं। इसे देखते हुए पड़ोसी राज्यों से भी इनपुट जुटाए जा रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में 2013 में विधानसभा चुनाव के दौरान ही सिमी नेटवर्क पकड़ा गया था। पुलिस ने कई ठिकानों पर छापेमारी कर इससे जुड़े हुए 24 लोगों को हिरासत में लिया था। इसमें सिमी का छत्तीसगढ़ मॉड्यूलर तैयार करने वाला सरगना उमेर सिद्दीकी सहित अन्य आतंकी शामिल थे।
ये भी पढ़ें : जोगी कांग्रेस के साहू कार्ड के साथ पाटन में महिला प्रत्याशी से इस बार बनेगा नया चुनावी समीकरण सिमी से जुड़े लोग जो सामने नहीं आते और उनकी गतिविधियां भी सुप्त अवस्था में रहती है। किसी खास मकसद के लिए उनको एक ऑपरेटर के जरिए सक्रिय किया जाता है। इनकी गतिविधियां नहीं होने की वजह से खुफिया इनपुट नहीं मिल पाते। 1998 में मध्यप्रदेश पुलिस ने रायपुर में सिमी नेटवर्क का पता लगाया था। भोपाल पुलिस टीम ने रायपुर के नयापारा में दबिश दी थी, लेकिन संगठन के संदिग्ध पहले ही फरार हो चुके थे।
ये भी पढ़ें : छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश में चुनाव को लेकर 4 राज्यों की पुलिस ने बनाईं ये योजना, 10 प्वाइंट में जानें लिए गए निर्णय गतिविधियों पर निगाहएटीएस प्रभारी दीपमाला कश्यप ने कहा कि संदिग्धों पर लगातार नजर रखने के साथ ही उन्हें सर्विलांस में लिया गया है। साथ ही सिमी और अन्य आतंकी गतिविधियों के संबंध में इनपुट जुटाए जा रहे हैं।