
कहीं 9 साल बाद अपराध दर्ज, तो कहीं 15 साल पुराने मामले निपटाए
रायपुर. थानों में अब पुराने मामलों की फाइल खुलने लगी है। कई सालों लंबित पड़े प्रकरणों की जांच शुरू हो गई है। कहीं 9 साल बाद अपराध दर्ज हो रहा है, तो कहीं वर्षों पुराने मर्ग की जांच करके निपटारा किया जा रहा है।
तेलीबांधा थाने में वर्ष 2011 में नवजात शव मिलने के मामले में सप्ताह भर पहले एफआईआर दर्ज किया गया। इसी तरह कबीर नगर पुलिस ने 30 मर्ग की जांच करके उसका निपटारा किया है। इसी तरह अन्य थानों में भी पुरानी शिकायतों और प्रकरणों को लेकर थानेदार सक्रिय हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि अनेक प्रकरण एेसे होते हैं, जिनकी जांच थानों में कई सालों तक नहीं हो पाती है। थानेदार इसमें रुचि नहीं लेते हैं। कई बार जांच अधिकारियों के तबादले के चलते मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहता है। छोटे-मोट कारणों के चलते भी मामले अटके रहते हैं।
वीआईपी ड्यूटी का बड़ा रोड़ा
राजधानी पुलिस का ज्यादा समय अपराधों की जांच के बजाय वीआईपी ड्यूटी और लॉ एंड आर्डर में लग जाता है। इसके चलते कई मामलों की जांच आगे नहीं बढ़ पाती है। पुलिस की प्राथमिकता भी बदलती रहती है।
केस-1
तेलीबांधा इलाके में वर्ष 2011 में एक नवजात का शव मिला था। इस मामले में पुलिस ने जुलाई 2020 तक किसी के खिलाफ अपराध दर्ज नहीं किया था और न ही किसी तरह की जांच आगे बढ़ी थी। करीब सप्ताह भर पहले यह मामला टीआई रमाकांत साहू के संज्ञान में आया। उन्होंने तत्काल अज्ञात के खिलाफ अपराध दर्ज किया।
केस-2
कबीर नगर इलाके में वर्ष 2016 से 2019 तक संदिग्ध अवस्था में कई लोगों की मौत हुई थी। इन मामलों की जांच अब तक नहीं हुई थी। टीआई एलपी जायसवाल एेसे पुराने मामलों का गंभीरता निराकरण करना शुरू किया और अगस्त 2020 तक थाने के 30 मर्ग की जांच करके एसडीएम की अनुमति से केस फाइल कर दिया।
केस-३ मौदहापारा थाने में वर्ष 2005 से अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा मर्ग एेसे थे, जिनकी मामूली कारणों के चलते जांच नहीं हो पाई थी। इन मामलों की जांच को आगे बढ़ाते हुए टीआई यदुमणि सिदार ने अगस्त 2020 तक 90 से ज्यादा मर्ग का निपटारा किया है। करीब 40 मामले और हैं, जिनकी जांच चल रही है।
एसएसपी की बैठक के बाद आई तेजी
पिछले दिनों एसएसपी अजय यादव ने सभी थानेदारों की बैठक ली थी। क्राइम समीक्षा के दौरान कई थानों में एेसे पेडिंग अपराध थे, जिनकी जांच मामूली कारणों के चलते पूरी नहीं हो पाई थी। इस तरह के प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए इनकी जांच तय समय में पूरी करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद से कई थानेदारों की सक्रियता बढ़ गई है।
Published on:
28 Aug 2020 02:18 am
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