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बिना छुट्टी लिए डेढ़ माह से गायब है शिक्षक, पढ़ाई हो रही प्रभावित

माध्यमिक शाला में 70 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।

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कवर्धा। बोड़ला विकासखंड अंतर्गत ग्राम भालूचुवा में संचालित माध्यमिक शाला में 70 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। स्कूल में सिर्फ दो ही शिक्षक पदस्थ है, जिसमें से एक संकुल प्रभारी है, जिस पर संकुल के समस्त स्कूलों का प्रभार है। वहीं दूसरा शिक्षक प्रधानपाठक के पद पर पदस्थ है, जिन्हे अनेक बार स्कूल, संकुल स्तरीय व ब्लाक स्तरीय मीटिंग व स्कूल सामग्री संबंधित व्यवस्था के चलते अध्यायपन कार्य प्रभावित हो रहा है। ऐसे विषम परिस्थिति में संबंधित शिक्षिका का ढेर माह से अनुपस्थित रहने से स्कूल का अध्ययापन कार्य पूरी तरह प्रभावित है, जिससे शाला में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। उक्त शिक्षिका के स्वेच्छाचारिता विभागीय आचार संहिता की धज्जिया उड़ा रही है। शिकायत में पालकों ने लापरवाही बरतने वाली शिक्षिका शबाना अफरोज खान को तत्काल प्रभाव से निलंबित अथवा सेवा से पृथक करने की मांग की है।

ग्राम भालूचुवा में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में पदस्थ शिक्षिका की मनमानी चरम पर है। इससे स्कूल में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई प्रभावित हो रहा है। शिक्षिका मनमानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नए शिक्षा सत्र में जब से स्कूल खुले हैं, तब से शिक्षक स्कूल ही नहीं पहुंचे हैं।

बिना छुट्टी स्कूल से महीनों अनुपस्थित
ग्राम भालुचुवा निवासी मनीराम, कामदेव, भूषण, निलेश, बिरेन्द्र, रुपेश सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले भी उक्त शिक्षिका के बिना छुट्टी स्कूल से महीनों अनुपस्थित रहने की शिकायत कलेक्टर से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी और बीईओ से किया जा चुका है, लेकिन उक्त शिक्षिका पर विभागीय अधिकारी इतने मेहरबान है कि आज तक कार्रवाई नहीं किया गया।

इससे पूर्व भी की जा चुकी है शिकायत
इससे पूर्व भी संबंधित ग्राम पंचायत के पदाधिकारी व पालकों ने छात्र-छत्राओं के साथ कलेक्टर व डीईओ के समक्ष उपस्थित होकर उक्त शिक्षिका पर कार्रवाई की मांग किया था, लेकिन आज तक संबंधित शिक्षिका के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। ऐसे में शिक्षिका के हौसले बुलंद है। इधर बच्चों के भविष्य बर्बाद होते देख पालकों में आक्रोश पनपने लगा है। कार्रवाई की मांग की जा रही है।