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चहेते ठेकेदार को काम दिलाने तिल्दा नगर पालिका में टेंडर निरस्त करने का खेल

छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार जिला तिल्दा पालिका प्रशासन पर ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि नपा अधिकारी के द्वारा चहेते ठेकेदार को काम दिलाने के लिए यह सब कुछ किया जा रहा है। तिल्दा नगर पालिका के द्वारा 27 अगस्त 2021 को दलाल तरिया के गहरीकरण एवं सौंदर्यीकरण के लिए निविदा प्रकाशित कराई गई थी। इसके तहत तीन कार्यों के लिए एक करोड़ 33 लाख 27 हजार रुपए का काम होना था।

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चहेते ठेकेदार को काम दिलाने तिल्दा नगर पालिका में टेंडर निरस्त करने का खेल

चहेते ठेकेदार को काम दिलाने तिल्दा नगर पालिका में टेंडर निरस्त करने का खेल

तिल्दा-नेवरा. छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार जिला तिल्दा पालिका प्रशासन पर ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि नपा अधिकारी के द्वारा चहेते ठेकेदार को काम दिलाने के लिए यह सब कुछ किया जा रहा है। तिल्दा नगर पालिका के द्वारा 27 अगस्त 2021 को दलाल तरिया के गहरीकरण एवं सौंदर्यीकरण के लिए निविदा प्रकाशित कराई गई थी। इसके तहत तीन कार्यों के लिए एक करोड़ 33 लाख 27 हजार रुपए का काम होना था।
टेंडर प्रक्रिया निर्धारित समय पर तो हुई, लेकिन अधिकारी के द्वारा नियमों को ताक में रखकर अपने चहेते ठेकेदार को काम दिलाने के नियत से स्पीड पोस्ट से समय पर पहुंचे टेंडर का लिफाफा देर से पहुंचने का हवाला देकर टेंडर खोला ही नहीं गया। ठेकेदार के द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता से नोटिस दिलाने पर सीएमओ ने सभी तीनों कार्यो के टेंडर निरस्त कर दिए।
उसके बाद नगर पलिका के द्वारा पुन: द्वितीय निविदा 16 दिसंबर से 24 दिसंबर 2021 तक बुलाई गई। इस ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में भाग लेनेवाले ठेकेदारों के लिए 6 टेंडर क्रमश: 87253- 87258, 87254, 87924. 87256 और 87257 जारी किए गए।
यहां नगर पालिका अधिकारी ने ऐसा खेल खेला और ऐसा नियम बना दिया, ताकि चाह कर भी अन्य ठेकेदार टेंडर न डाल सके। नियमानुसार जिस दिन टेंडर जारी होता है उसी दिन 24 घंटे निविदा को डाउनलोड अपलोड करने के लिए साइट को खोल दिया जाता है। यहां साइट तो खुला रखा गया, लेकिन जब ठेकेदारों ने टेंडर अपलोड किया तो टेंडर डल नहीं हो पाए। दरअसल उसमें ऐसी कंडीशन रख दी गई थी जिसमें एक्शन अन अवेलेबल वाय लिख दिया गया था, जबकि जहां वाय लिखा था वहां एन नो लिखा होना था। इस गड़बड़ी की शिकायत 23 दिसंबर को ठेकेदार द्वारा सबसे पहले नगर पालिका अधिकारी तिल्दा, उसके बाद रायपुर डाटा नोडल अधिकारी और संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन विभाग रायपुर को ई.मेल के द्वारा की गई। शिकायत का असर यह हुआ कि निविदा डालने के अंतिम दिन 24 तारीख को सुबह 11 से 12 बजे के बीच साईंड को खोला गया और वाय को हटाकर नो किया गया। उसके बाद सभी के टेंडर डाले गए और जिस मकसद से यहां गड़बड़ी की जा रही थी उसमें सफल नही हो सके।
टेंडर को निरस्त करने नया हथकंडा अपनाया
ऑन लाइन डाले गए टेंडर खोलने 27 दिसंबर 2021 का दिन निर्धारित किया गया था, लेकिन टेंडर 15 दिन बाद 10 जनवरी 2022 कों खोले गए। अधिकारी के द्वारा खोले गए टेंडर में एक ही ठेकेदार सुरेश वर्मा के सभी चार निविदाओं में अलग-अलग कारण बताकर उनकी निविदा दर खोली ही नहीं गई औरसभी टेंडर निरस्त कर दिए ताकि आसानी से करोड़ों के ठेके चहते ठेकेदार को मिल सके।
उधर जब सुरेश वर्मा को जानकारी मिली कि उनकी निविदाओं को निरस्त कर दिया गया है, तो वह 17 दिसंबर को उच्च न्यायालय की शरण में पहुंच गया। न्यायालय ने उनके शिकायत पत्र को स्वीकृत करते हुए तत्काल नगर पालिका अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। नगर पालिका को नोटिस मिलने के बाद 13 दिसंबर को पुरानी तारीख में निविदा को निरस्त कर चस्पा कर दिया गया। नगर पालिका अधिकारी ने शपथ पत्र भरकर हाई कोर्ट में अपना जवाब प्रस्तुत किया गया, जिसमें टेंडर में त्रुटी होने का हवाला देकर टेंडर प्रकिया को निरस्त करने बात कही गई।
टेंडर प्रक्रिया में नया मोड़ तब आया जब नगर पालिका के द्वारा 15 मार्च 2022 को पालिका की सामान्य बैठक बुलाकर 27 एजेंटों पर चर्चा कराई गई। इसमें प्रस्ताव क्रमांक 21 में जिन तीन कार्य के लिए निविदा बुलाई गई थी उनमें से दो कार्य दलाल तालाब और एक अन्य तालाब का कुछ हिस्से का कार्य के लिए प्रस्ताव पारित करा दिया गया। और तीसरी निविदा निकालने के पहले ही उन्होंने अपने चहेते ठेकेदार को 9.5 लाख और छोटे तालाब के लिए 2.67 लाख सहित 13.01लाख का कार्य चहेते ठेकेदार के नाम आइटम दर पर स्वीकृत कर कार्य शुरू करने का आदेश जारी कर दिया।
बताया जाता है कि अब ठेकेदार के द्वारा कोर्ट ऑफ कंटेंट की कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। उधर नगर पालिका अधिकारी का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। जबकि न्यायालय की शरण में जाने वाले कांट्रेक्टर सुरेश वर्मा के द्वारा नगर पालिका पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए टेंडर प्रक्रिया में एक नहीं दो दो बार गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगाया है।

इसमें किसी प्रकार की मिली भगत वाली बात नहीं है। तकनीकी त्रुटि थी, तकनीकी त्रुटि के नाम से हुआ है। जिसमें सुरेश वर्मा द्वारा हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया था। हमने सभी त्रुटि के कारण ठेके को निरस्त करके पुन: हमने निविदा जारी की है।
जीडी डहरिया, मुख्य नपा अधिकारी तिल्दा

नगर पालिका में इन दिनों खुलकर भ्रष्टाचार हो रहा है। इसका पीडि़त मैं हूं। नगर पलिका अधिकारी ने जो किया है वह इतना बड़ा मामला है कि आप सुनकर हैरान हो जाएंगे, मैं चुप नहीं बैठूंगा। इसकी शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया सहित संबंधित अधिकारियों से कर कार्रवाई की मांग करूंगा। ताकि ठेकेदारों के साथ अन्याय न हो सके।
सुरेश वर्मा, कांटे्रक्टर