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‘लिंगो देव पथ’ बाइक रैली गुमनाम पर्यटन स्थलों से गुजरेगी जो अब तक दुनिया की नजरों से ओझल हैं

150 किमी नवनिर्मित सडक़ का लोकार्पणजिले के पर्यटन स्थल होंगे मुख्य आकर्षणउपरबेदी, मिरदे, लीमदरहा जैसे झरने भी होंगे रैली के प्रमुख पड़ावऐतिहासिक ग्रामों से गुजरेगी रैलीप्रतिभागियों के पंजीयन के लिए एसडीएम एवं सभी ब्लॉक के सीईओ को सौंपा गया दायित्व

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‘लिंगो देव पथ’ बाइक रैली से गुमनाम पर्यटन स्थलों से गुजरेगी जो अब तक दुनिया की नजरों से ओझल हैं

‘लिंगो देव पथ’ बाइक रैली से गुमनाम पर्यटन स्थलों से गुजरेगी जो अब तक दुनिया की नजरों से ओझल हैं

रायपुर. आगामी 23 फरवरी को मर्दापाल से खालेमुरवेण्ड तक होने वाली ऐतिहासिक बाइक रैली हेतु प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर है। जिला प्रशासन द्वारा इसे नवनिर्मित सडक़ परियोजना को ‘लिंगो देव पथ’ नाम दिया गया है। इस बाइक रैली के दौरान रैली जिले के ऐसे गुमनाम पर्यटन स्थलों से गुजरेगी जो अब तक दुनिया की नजरों से ओझल रहे है। यहां बताना उचित होगा कि हरे-भरे वन पहाड़ी से घिरे इस क्षेत्र में एक से बढक़र एक जलप्रपातों की श्रृंखला भी है जो निश्चित रूप से रोमांच पसंद और साहसी पर्यटकों को एक यादगार यात्रा का अनुभव करा सकते है। इन निर्मल जलराशि वाले इन आकर्षक प्रपातों का सौंदर्य वर्षा ऋतु में और भी द्विगुणित हो जाता है। जिला प्रशासन का उद्देश्य इस संबंध में जिले को पर्यटन मानचित्र में उभारना तो है ताकि इन पर्यटन स्थलों से देश-दुनिया को परिचित कराकर इसके माध्यम से स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार का विकल्प उपलब्ध कराना है। उल्लेखनीय है कि रैली मार्ग का प्रमुख पड़ाव ऐतिहासिक ग्राम भोंगापाल भी है जहां बौद्ध चैत्य गृह, प्राचीन शिवालय एवं अन्य पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण अवशेष आज भी मौजूद है। इसके अलावा विकासखण्ड केशकाल के अंतर्गत दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में अनेक जलप्रपात जिनमें लीमदरहा, मिरदे, मुत्तेखडक़ा, उपरबेदी, आमादरहा, हटारकसा, कुएमारी प्रमुख है। जिनका अद्भूत जल सौंदर्य पर्यटकों को बांधने की क्षमता रखते है। रैली में उपरोक्त सभी स्थल प्रमुख पड़ाव के रूप में शामिल है।

150 कि.मी. नवनिर्मित सडक़ का लोकार्पण उत्सव बाइक रैली के माध्यम से आयोजित
आमादरहा जलप्रपात कुएमारी और बावनीमारी गांव के समीप है इस जलप्रपात में 15 फीट ऊंचाई से जल प्रवाहित होता है परन्तु इसके नीचे उतरने का रास्ता दुर्गम है। इसी प्रकार उपरबेदी जलप्रपात केशकाल से बटराली होते हुए कुएमारी गांव को पार करने के बाद मिलता है ये नाला जिस खाई में गिरता है उसके ठीक सामने एक बड़ी और गहरी वादियां है। इसके साथ ही बावनीमारी से कुएमारी की ओर बढऩे के दौरान लगभग दो कि.मी. दूर पर बारहमासी मिरदे नाला लगभग 70 फीट की ऊंचाई से खड़ी चट्टानों में करीब 9 सोपान बनाते हुए बहता है। मुत्तेखडक़ा जलप्रपात मडग़ांव के समीप है, इस जलप्रपात में पहला सोपान 35 फीट है जबकि दूसरा सोपान 7 फीट ऊंचा है। लीमदरहा झरना आमा नाला पर निर्मित है इसमें नाले का पानी 25 फीट ऊंचाई से सीढ़ीदार चट्टानों पर गर्जना करते हुए बहता है। ये सभी नयना भिराम जलप्रपात इसलिए भी लोगों के निगाह में नहीं थे क्योंकि सडक़ न होने से यहां पहुंचना आसान नहीं था चूंकि जिला प्रशासन द्वारा 150 कि.मी. नवनिर्मित सडक़ का लोकार्पण उत्सव बाइक रैली के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। तो यह आशा की जानी चाहिए कि अब जिले के अलावा अन्य क्षेत्रों के पर्यटक भी इन स्थानों से परिचित हो सकेंगे। इस प्रस्तावित बाइक रैली हेतु प्रतिभागियों के पंजीयन के कार्य हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं पांचों ब्लॉक के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को नोडल बनाया गया है।

अब शासन की योजनाएं यहां आसानी से पहुंच सकेगी
इस संबंध में कलेक्टर नीलकंठ टीकाम का मानना है कि अनेक नदी-नालों और पहाड़ों से गुजरने वाले इस नवनिर्मित सडक़ परियोजना (150 कि.मी.) के लिए इन ग्रामों में रहने वाले लोगों को दशकों तक इंतजार करना पड़ा, अब लोगों को विकास की मुख्यधारा में जोडऩे के लिए इस मार्ग की प्रमुख भूमिका रहेगी। अब शासन की योजनाएं अब यहां आसानी से पहुंच सकेगी और पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।