स्वास्थ्य विभाग इसलिए मैपिंग करवा रहा है ताकि उसके पास कोरोना मरीजों का डेटा बेस तैयार हो सके। इसी आधार पर अस्पतालों का इलाज (Corona treatment in chhattisgarh) का राशि का भुगतान किया जाएगा। तो वहीं प्रत्येक व्यक्ति के पास अपना ई-कार्ड होगा, जिसके जरिए वह भविष्य में किसी भी अन्य बीमारी (जो योजना में है।) का इलाज करवा सकेगा।
मरीजों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के कार्ड की आवश्यकता नहीं है। सिर्फ राशन कार्ड दिखाएं और इलाज पाएं। एपीएल परिवार के लिए 50 हजार रु., बीपीएल परिवार के लिए 5 लाख तक के इलाज की व्यवस्था है। इसके तहत 772 बीमारियों के इलाज पैकेज हैं। जिसमें कैंसर, किडनी, मोतियाबिंद सर्जरी, डिलीवरी, सिजेरियन डिलीवरी प्रमुख हैं।
स्वास्थ्य योजना में केंद्र की 60 और राज्य की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यानी अगर 100 रुपए खर्च हो रहे हैं तो 60 रुपए केंद्र और 40 रुपए राज्य सरकार वहन करेगी। उधर, ई-कार्ड के जरिए होने वाले इलाज की राशि में कई मद निर्धारित हैं। जिसका एक हिस्सा डॉक्टर और स्टाफ को इंसेंटिव के तौर पर मिलता है, जबकि एक हिस्सा अस्पताल के मद में और एक हिस्सा मुख्यमंत्री कोष में जमा होता है।
आईसीयू- 2,200 रुपए प्रतिदिन (नोट- इन दरों को रिवाइज किए जाने की प्रक्रिया जारी है।)
अगर, आप संक्रमित हुए हैं और आपको कोविड हॉस्पिटल और कोरोना केयर सेंटर में रखा भर्ती किया जा रहा है, तो अपने साथ इन 2 दस्तावेजों का अवश्य रखें। पहला- राशन कार्ड, दूसरा- आधार कार्ड। आपके पास कार्ड हैं तो सरकार की स्वास्थ्य योजना का पूरा लाभ मिलेगा।
– डॉ. श्रीकांत राजिमवाले, राज्य नोडल अधिकारी, डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना