
रायपुर. विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर हंगामा हो सकता है। दरअसल, सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले दो आरक्षण संशोधन विधेयक के विरोध में संयुक्त विपक्ष ने संशोधन प्रस्ताव लाने का फैसला लिया है। विपक्ष की मांग है कि एससी (अनुसूचित जाति) वर्ग का आरक्षण 13 की जगह 16 और ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) का आरक्षण 4 की जगह 10 फीसदी किया जाए। द्वितीय अनुपूरक बजट को लेकर भी विपक्ष हंगामा कर सकता है। जानकारों का कहना है कि सरकार ने अभी एसटी४ (अनुसूचित जनजाति) वर्ग को 32, ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को 27, एससी को 13 और ईडब्ल्यूएस को 4 फीसदी आरक्षण देने की बात कहीं है।
आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्ष से अपील की है कि इस विधेयक को सभी की सहमति से पारित किया जाए। वहीं नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने बताया कि हमारे एससी विधायक आरक्षण में संशोधन का प्रस्ताव देंगे। शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधायक दल की बैठक होगी। इसमें आगे की रणनीति तय होगी। बसपा विधायक केशव चंद्रा ने कहा, हमारी पार्टी आरक्षण की विरोधी नहीं है। पिछली सरकार में एससी वर्ग के आरक्षण कम हुआ था। इसे बढ़ाने के लिए संशोधन प्रस्ताव देंगे। संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा, विपक्ष यदि संशोधन प्रस्ताव लाता है, तो उसका स्वागत है। सरकार समाज के सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर फैसला लेगी।
कांग्रेस बांटेगी मिठाई, फोड़ेगी पटाखे
विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पारित होने पर कांग्रेस प्रदेश के सभी ब्लॉक मुख्यालयों में जश्न मनाएगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, प्रदेश के समस्त जिला, शहर, नगर, ब्लॉकों के अंतर्गत सभी मतदान केन्द्रों, बूथस्तर पर हर्षोल्लास के साथ खुशियां मनाते हुए पटाखे फोड़कर मिठाइयां बांटी जाएं।
सरकार कर रही विश्वासघात-अमित
आरक्षण के संशोधित विधेयक को लेकर जकांछ प्रमुख अमित जोगी ने ट्वीट में लिखा है कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने अनुसूचित जाति के लिए 16 की जगह 13 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 की जगह 4 फीसदी आरक्षण करके दोनों वर्गों के साथ विश्वासघात किया है। एससी और गरीबों का अपमान हम कदापि नहीं सहेंगे। इसका जकांछ सड़क से लेकर सदन तक पुरजोर विरोध करेगी।
बसपा ने किया प्रदर्शन
एससी वर्ग का आरक्षण बढ़ाने की मांग को लेकर बसपा ने गुरुवार को राजधानी में कलेक्टोरेट परिसर के पास स्थिति डॉ. भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की।
जनवरी में शीतकालीन सत्र की संभावना
सरकार जनवरी में विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुला सकती है। संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने इस बात के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा, कार्यमंत्रणा समिति में इसकी बात उठी थी। इसे ध्यान में रखकर सरकार अनिवार्य रूप से शीतकालीन सत्र बुलाएगी। बताया जाता है कि विशेष सत्र को ही शीतकालीन सत्र के रूप में आगे बढ़ाने की योजना है। दरअसल, शीतकालीन सत्र में प्रश्नकाल और अन्य शासकीय कार्य होंगे। विधायक को प्रश्न लगाने के लिए समय देने के उद्देश्य से शीतकालीन सत्र जनवरी में बुलाए जाने की संभावना है।
Published on:
01 Dec 2022 09:24 pm
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