
World Television Day 2022
World Television Day 2022: गौरव शर्मा/ दुनियाभर में आज यानी सोमवार को 26वां विश्व टेलीविजन दिवस मनाया जा रहा है। इसी के साथ टेलीविजन अपने सफर के 192 साल पूरे करने जा रहा है। रायपुर समेत दुनियाभर में ऐसे कम ही घर होंगे जहां टीवी न हो। एक ही घर में 2-3 टीवी होना अब आम बात हो चली है।
वो भी तब जब ओटीटी प्लेटफॉर्म रिलीज होने के बाद मोबाइल में ही सारी फिल्में और चैनल्स उपलब्ध हैं। इसके बावजूद टीवी को लेकर लोगों में गजब की दीवानगी है। इसी का नतीजा है कि इस दीपावली प्रदेश में जहां मोबाइल कारोबार का टोटल टर्नओवर 150 करोड़ का रहा, वहीं 175 करोड़ के सिर्फ टेलीविजन बिक गए। इसका एक बड़ा कारण यही है कि पूरे परिवार का जब एकसाथ मनोरंजन करने की बात आए तो टीवी ही सबसे बड़ा साधन है। यहां यह बताना जरूरी है कि अविभाजित मध्यप्रदेश का पहला टीवी टावर रायपुर में लगा था। 1977 में तात्कालीन सूचना प्रसारण मंत्री विद्याचरण शुक्ल ने रायपुर में दूरदर्शन की स्थापना करवाई थी। इसी समय देश के 6 और स्थानों पर टीवी टावर लगाए गए थे। रायपुर का इसमें शामिल होना आज भी गौरव की बात है। बदलते समय के साथ टेलीविजन भी बदला।
ब्लैक एंड वाइट से स्मार्ट टीवी तक
कैलाशपुरी में रहने वाली 57 वर्षीय सविता मिश्रा बताती हैं कि ब्लैक एंड वाइट के दौर में बहुत कम घरों में टीवी हुआ करती थी। उस जमाने में घर में टीवी होना पूरे परिवार के लिए शान की बात थी। तब एकमात्र चैनल दूरदर्शन हुआ करता था, जिसमें बच्चों और बड़ों के लिए अलग-अलग समय पर अलग-अलग कार्यक्रम आते थे। सभी कार्यक्रम ज्ञानवर्धक हुआ करते थे। लोगों की तब टीवी में इतनी रूचि थी कि आसपास के 15-20 लोग एक ही घर में घंटों बैठकर टीवी देखा करते थे।
समय के साथ टीवी में भी बदलाव आया। रंगीन दौर आने तक भी ज्यादातर घरों में टीवी नहीं हुआ करती थी। आज स्मार्ट टीवी का जमाना है जिसमें आप मोबाइल की तरह यू-ट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। वाकई ब्लैक एंड वाइट से लेकर आज स्मार्ट टीवी तक का दौर शानदार है।
दूरदर्शन पर प्रसारण का किस्सा, सुनिए डायरेक्टर की जुबानी...
रायपुर दूरदर्शन के डायरेक्टर संतोष कुमार देवहरे बताते हैं कि पहले रिकॉर्डिंग फिल्म कैमरे से होती थी। इसे प्रोसेसिंग के लिए दिल्ली, मुंबई भेजा जाता था। वहां से रिकॉर्डिंग प्रोसेस होकर फिल्म और न्यूज सेक्शन में जाती थी। तब कहीं जाकर प्रोग्राम का प्रसारण हो पाता था। इसके बाद ट्यूब कैमरा आया। डिजिटलाइजेशन के बाद अब काम काफी आसान हो गया है। बड़े कैमरों की जगह छोटे कैमरे आ गए हैं। ट्रांसमिशन अब ऑनलाइन हो गया है। सर्वर का प्रयोग बढ़ा है। एडिटिंग आसान हो गई है।
Published on:
21 Nov 2022 11:57 am
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