ज्योतिषविद पं. ओमप्रकाश शुक्ला, नंद किशोर सक्सेना का मानना है कि दीपावली के त्योहार के पहले आने वाले पुष्य नक्षत्र में त्योहारी खरीदी शुभ होती है। इसलिए लोग पुष्य का इंतजार करते हैं। खासकर महंगी खरीदी इस नक्षत्र में की जाती है।
MUST READ : धनतेरस 2019: दीपावली पर सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त… ज्योतिष ( Jyotish ) के जानकार नंद किशोर सक्सेना के अनुसार इस नक्षत्र में गाड़ी, मकान, दुकान, कपड़े, सोना, बर्तन, भूमि, भवन आदि की खरीदारी कर सकते हैं। पुष्य नक्षत्र ( shubh Muhurat ) में सोना खरीदने का विशेष महत्व है। पुष्य नक्षत्र 21 अक्टूबर शाम 5:33 से शुरू हो कर दूसरे दिन 22 अक्टूबर मंगलवार को शाम 4:40 बजे तक है।
MUST READ : अक्टूबर 2019 में नौ दिन पड़ रहे हैं सर्वार्थ सिद्धि योग, जानें शुभ मुहूर्त 2019 धनतेरस पर भी खरीदी शुभ रहेगी: कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाई जाती है। पंडित शुक्ला के अनुसार 25 अक्टूबर शुक्रवार को त्रयोदशी सुबह 7:08 बजे शुरू होगी और 26 अक्टूबर शनिवार को दोपहर 3:47 बजे तक समाप्त होगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। इसीलिए इस दिन खरीदी और पूजन का महत्व बढ़ गया है।
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पं. शुक्ला के अनुसार 21 अक्टूबर को सोम पुष्य है। इस दिन सिद्धि योग भी रहेगा। सोम पुष्य पर सोना-चांदी व अन्य कीमती धातुओं व वस्तुओं की खरीदी करना चाहिए। 22 अक्टूबर को भौम पुष्य रहेगा।
पं. शुक्ला के अनुसार 21 अक्टूबर को सोम पुष्य है। इस दिन सिद्धि योग भी रहेगा। सोम पुष्य पर सोना-चांदी व अन्य कीमती धातुओं व वस्तुओं की खरीदी करना चाहिए। 22 अक्टूबर को भौम पुष्य रहेगा।
इस दिन सुबह 10:55 तक साध्य योग और इसके बाद शुभ योग लग जाएगा। मंगल जमीन, मकान, धातु की खरीदी के लिए श्रेष्ठ है। मंगल तांबे का देवता है। इस दिन तांबे के वर्तन भी खरीदे जा सकते हैं। दो दिन तक पुष्य होने से नागरिकों और व्यापारियों के लिए हर तरह की खरीदी शुभ रहेगी।
दीपावली पर्व की तैयारी में दो दिन खरीदी के लिए प्लानिंग की जा सकती है। जो लोग मकान, जमीन खरीदने का विचार रखते हैं, उनके लिए दीपावली के पहले का भौम पुष्य शुभ अवसर है। निवेश के लिए सोना और अन्य कीमती धातु खरीदने सोम पुष्य अच्छा अवसर है।
इधर, शरद पूर्णिमा पर कल मंदिरों में जगह-जगह मनेगा शरदोत्सव:
वहीं दूसरी ओर शरद पूर्णिमा का पर्व 13 अक्टूबर को उत्साह से मनाया जाएगा। जगह-जगह मंदिरों में शरदोत्सव मनेगा और भगवान के श्री विग्रह को सफेद वस्त्र धारण कराए जाएंगे और उन्हें चंद्रमा की रोशनी में विराजित कर खीर की प्रसादी का वितरण होगा।
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पं. विनोद शास्त्री ने बताया कि अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शरद पूर्णिमा कहलाती है और शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। लक्ष्मी जी को जाग्रत करने के कारण इस व्रत को कोजागर पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और तुलसी जी का पूजन किया जाता है।
पं. विनोद शास्त्री ने बताया कि अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शरद पूर्णिमा कहलाती है और शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। लक्ष्मी जी को जाग्रत करने के कारण इस व्रत को कोजागर पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और तुलसी जी का पूजन किया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि पूर्णिमा की चांदनी में अमृत का वास रहता है और यही कारण है कि प्रसादी मेंं चांदनी रात में रखी खीर का पान किया जाता है। पूर्णिमा की रात महालक्ष्मी का पूजन किया जाता है, इसमें डेढ़ृ पाव मावा और डेढ़ पाव शकर के छह लड्डू बनाकर पूजा की जाती है।
एक लड्डू भगवान को, एक पति को, एक गर्भवती महिला को, एक सखी को, एक ग्वाल-बालों को, एक तुलसी को अर्पित कर एक लड्डू स्वयं ग्रहण करना चाहिए। शरद पूर्णिमा की रात खुले में बैठकर चांदनी में भगवान का पूजन करना महत्वपूर्ण होता है।
शहर में होंगे आयोजन
शरद पूर्णिमा पर रविवार को विदिशा शहर में अनेक आयोजन होंगे। नगर के एकमात्र सत्यनारायण मंदिर में सुबह 6 बजे भगवान का पंचामृत स्नान पश्चात होगा। 9 बजे नवीन वस्त्र धारण, मंगला आरती, दोपहर में महिला मंडल द्वारा भजन कीर्तन, शाम 5 बजे से विशेष शृंगार दर्शन और राम 12 बजे महाआरती होगी।
शरद पूर्णिमा पर रविवार को विदिशा शहर में अनेक आयोजन होंगे। नगर के एकमात्र सत्यनारायण मंदिर में सुबह 6 बजे भगवान का पंचामृत स्नान पश्चात होगा। 9 बजे नवीन वस्त्र धारण, मंगला आरती, दोपहर में महिला मंडल द्वारा भजन कीर्तन, शाम 5 बजे से विशेष शृंगार दर्शन और राम 12 बजे महाआरती होगी।
मंदिर पुजारी पं. सतीश व्यास ने बताया कि करीब 80 वर्ष पहले पं. मूलचंद जटाधारी ने इस मंदिर की स्थापना कराई थी। मंदिर में सफेद संगमरमर की शंख, चक्र, गदा और पद्म धारी सत्यनारायण भगवान की चतुर्भुज रूपी प्रतिमा प्रतिष्ठापित है। इसी तरह नंदवाना स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर के मुखिया पं. मनमोहन शर्मा ने बताया कि मंदिर में शरदोत्सव रविवार की रात 9 बजे से मनेगा।
शिवशक्ति मानस मंडल द्वारा भजन संध्या होगी और फिर रात 12 बजे विशेष आरती उपरांत प्रसादी वितरण होगा। इसी तरह सिद्धेश्वरी शक्ति पीठ, माधवगंज स्थित राधाकृष्ण मंदिर, बैकुंठधाम, बालाजी मंदिर सहित अनेक मंदिरों में शरदोत्सव मनाया जाएगा।