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बिना परखे वैल्यूवेशन कर फाइनल किया काम, इसलिए दरका एफओबी का बेस

-ब्यावरा रेल्वे स्टेशन पर 98 लाख रुपए से बना है एफओबी, तीन करोड़ से अधिक न्य मैंटेनेंस में खर्च किए, हर दिन दौरा किया फिर भी आईडब्ल्यू देख नहीं पाई यह खामी

राजगढ़Aug 12, 2019 / 06:19 pm

Rajesh Kumar Vishwakarma

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बिना परखे वैल्यूवेशन कर फाइनल किया काम, इसलिए दरका एफओबी का बेस

ब्यावरा. पहली बारिश में ही दरके ब्यावरा रेल्वे स्टेशन के एफओबी (फुट ओव्हर ब्रिज) के बेसमेंट को परखने, जांचने में रेल्वे के ही जिम्मेदारों की लापरवाही सामने आई है। लगभग हर दिन जांच करने पहुंचने वाली आईओडब्ल्यू सहित अन्य टीमों ने इसे बिना परखे वैल्यूवेशन भी कर दिया। इसी कारण वह हल्की-फुल्की बारिश भी नहीं झेल पाया।

 

ल्यूवेशन कर इसे फाइनल भी कर दिया
दरअसल, पेटी कांन्ट्रैक्ट पर काम करने वाली एजेंसियों द्वारा महज बेसमेंट को दबाने पानी की बचत करने के फेर में रेल्वे के काम की पोल खुल गई। खास बात यह है कि ऐसे काम को जिम्मेदारों ने अप्रूवल भी दे दिया और आईओडब्ल्यू ने वैल्यूवेशन कर इसे फाइनल भी कर दिया। ऐसे में करीब 98 लाख रुपए की लागत से बने एफओबी का उपयोग भी अभी ढंग से नहीं होने लगा है।

 

पैवर्स निकलवाकर खुला छोड़ दिया

साथ ही करीब तीन करोड़ से अधिक जबरन के किए गए स्टेशन के मैंटनेंस की पोल भी इससे खुल गई है। हाईटैक तकनीक और बार-बार के निरीक्षण के बावजूद ऐसे तमाम पैवर्स ब्लॉक और टाइल्स उखड़ गए और काम की हकीकत सामने आई। अब आईओडब्ल्यू ने टाइल्स, पैवर्स निकलवाकर खुला छोड़ दिया है ताकि बारिश के पानी से इसकी दबाई हो जाए।

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ऐसे निर्माण कार्यों से धूमिल हो रही रेल्वे की छबि
मैंटेनेंस कार्य हो या कोई अन्य नया, मूल एजेंसी द्वारा इस तरह से पैटी कॉन्ट्रैक्ट पर देने के बाद लगातार सामने आने वाली ऐसी खामियों से रेल्वे की छबि धूमिल हो रही है। लोगों के मन ऐसा सीन बन रहा है कि सेंट्रल का काम है, कोई देखने वाला नहीं है। जिसे जो करना है किए जा रहा है? इससे पहले भी टंकियों के निर्माण, रोड निर्माण, स्टेशन परिसर में लगाई गई स्टील की रैलिंग के काम में भी खामी उजागर हुई थी लेकिन रेल्वे ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

 

रेल्वे के जीएम भी यहां आए थे

बता दें कि जिस एफओबी में गड़बड़ी सामने आई है उसे न सिर्फ सांसद और डीआरएम ने देखा बल्कि रेल्वे के जीएम भी यहां आए थे। इसके बाद सीआरएम टीम भी घूमी। आईओडब्ल्यू और रेल्वे के तमाम अधिकारियों को दिखाने भर के लिए ठेकेदार और आईओडब्ल्यू ने ऐसा मनमाना काम करवाया जिसकी पोल पहली बारिश में ही खुल गई।

मैं दिखवाता हूं
यह रेल्वे की चूक तो है ही, संबंधित (आईओडबल्यू सहित अन्य) को भी देखना चाहिए था। मैं जिम्मेदारों से बात करता हूं। जो खामी है उसे दूर किया जाएगा।
-उदय बोरवानकर, डीआरएम, पश्चिम मध्य रेल्वे, मंडल, भोपाल

 

यह बड़ी चूक है
यह रेल्वे की बड़ी चूक है, इससे उनकी छबि खराब हो रही है। मैं पूरा मूल्यांकन करवाऊंगा, पूरा प्रोजेक्ट देखूंगा। साथ ही जम्मेदारों से बात कर समाधान करवाएंगे।
-रोडमल नागर, सांसद, राजगढ़

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