आस्था के साथ पर्यटन क्षेत्र के रूप में उभर रहा यह स्थल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुका है। हर साल 6 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन होता है। आने वाले दिनों में यह आस्था के साथ ही मेडिटेशन (Buddha Purnima 2024) का बड़ा केन्द्र बनकर उभरेगा।
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Buddha Purnima 2024: सौंदर्यीकरण के यह कार्य हो रहे
प्रसाद योजना के तहत 6 करोड़ की लागत से एयर कंडीशनर मेडिटेशन हॉल, कैफेटेरिया के अलावा सौंदर्यीकरण के कार्य हो रहे हैं। नई सीढ़ियां बनाई जा रहीं हैं तो पहाड़ी (Buddha Purnima 2024) के उपर लगभग एक किलोमीटर के दायरे में पार्किंग स्थल तैयार किया गया है। प्रसाद योजना के साथ ही राज्य सरकार की ओर से पहाड़ी स्थल तक पहुंचने के लिए एक किलोमीटर तक सड़क निर्माण के लिए बजट में 7 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
यहां बेहतर नजारा
प्रज्ञागिरी ट्रस्ट (Buddha Purnima 2024) समिति के सचिव शैलेन्द्र डोंगरे ने बताया कि डोंगरगढ़ में सभी धर्म के आस्था केन्द्र हैं। यहां पर्यटकों की आवाजाही अधिक है। इसलिए सिरपुर स्थित प्राचीन बौद्ध तीर्थ स्थल की तर्ज पर यहां बौद्ध तीर्थ स्थल की स्थापना की गई। यह स्थल छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा से लगा हुआ है। प्रज्ञागिरी पर्वत पर सूर्योदय होते ही सूर्य की किरणें जैसे ही प्रतिमा के मुख मंडल पर प्रतिबिंम्बित होती है, वैसे ही प्रकृति की अद्भूत छटां सुनहरे आभा मंडल पर बिखरता हुआ नजर आता है।
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पर्यटक बढ़ रहे
सचिव डोंगरे ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बौद्ध (Buddha Purnima 2024) सम्मेलन में जापान, थाईलैंड, श्रीलंका, तिब्बत और बौद्ध राष्ट्रों से धम्मगुरुओं के साथ ही बौद्ध अनुयायी डोंगरगढ़ पहुंचते हैं। समिति का उद्देश्य है कि इस स्थल को बौद्ध गया, सारनाथ, राजगीर जैसे बौद्ध तीर्थ स्थल के कतार में लाना है।
Buddha Purima 2024: बुद्ध के उपदेशों पर हो रहा काम
- साधना – भगवान बुद्ध ने कहा है कि जीवनभर बिना ध्यान के साधना करने की अपेक्षा जीवन में एक दिन समझदारी से जीना कहीं अच्छा है।
2. अध्यात्म – जैसे मोमबत्ती बिना के आग के नहीं जल सकती, वैसे ही मनुष्य ही आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता।
इसके लिए तीर्थ स्थल पर आने वाले पर्यटकों को बौद्ध भिक्षुओं द्वारा अध्यात्म से जोड़ने के लिए बुद्ध के विचार बताए जाते हैं।