
राजसमंद. जिला मुख्यालय स्थित उद्यान विभाग की ओर से गत दिनों उपलब्ध कराए गए फलदार पौधे, उर्वरक और स्प्रे मशीन में अनियमितता बरतने की बात सामने आई है। इसमें बिना बिल और नियमों से परे जाकर किसानों को उक्त सामग्री उपलब्ध कराई गई है। राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ राजसमंद की ओर से भेजे गए पत्र में आरोप लगाया कि है कि उद्यान विभाग के उप निदेशक हरिओम सिंह राणा के निर्देशानुसार फलदार पौधे और उर्वरक स्प्रे मशीन बेची गई है, जबकि नियमानुसार कोई भी सरकारी अधिकारी ऐसा नहीं कर सकता है। इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार ने नियम बना रखे हैं और लाइसेंस जारी किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति बिना लाइसेंस के उर्वरक नहीं रख सकता है, बिना रजिस्ट्रेशन के और बिना लाइसेंस के भंडारण नहीं कर सकता है। उर्वरक की पोश मशीन के माध्यम से बिक्री की जाती है। आम के पौधे नवसारी गुजरात से मंगवाए गए है जबकि नियमानुसार राजहंस नर्सरी से मंगवाए जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पौधों की राशि भी कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा ली गई है और रसीद भी कार्यालय के नाम की ही दी गई है। अटल भू-जल योजना प्रोजेक्ट के अन्तर्गत किसानों को फलदार पौधे के साथ में 100 मीटर ड्रिप की लेटरल पाइप और ड्रिपर भी दिए गए हैं, जिसका न तो टेण्डर किया गया ना ही किसान को कहीं से भी लेने के लिए स्वंत्रत छोड़ा गया है, जब इसका टेण्डर ही नहीं हुआ तो उसकी गुणवत्ता और कीमत किसने तय की। अटल भू-जल योजना के अन्तर्गत जिले में सिर्फ राजसमंद पंचायत समिति को ही लिया गया है। जहां पर मेड़ पर फलदार पौधों पर अनुदान दिया जा रहा था, परन्तु खमनोर पंचायत समिति के कई किसानों को पौधे उपलब्ध कराए गए हैं। उन्हें भी नि:शुल्क ड्रिप एवं मल्चिंग देने की बात कही है, जबकि आज तक उन्हें सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई है। साथ ही सोशल मीडिया पर विशेष ब्रांड एवं व्यापारियों के उत्पाद का प्रचार-प्रसार भी किया जाता है, जो कि नियम विरूद्ध है।
अधिकारी का काम पौधे, उर्वरक आदि बेचने का नहीं होता है। इसके लिए सरकार और विभाग की ओर से नियम बना रखे हैं। विभाग अनुदान उपलब्ध कराने का कार्य करता है। उद्यान विभाग में पौधे भी राजहंस नर्सरी से मंगवाए गए हैं। उक्त मामले में अनियमितता की जांच के लिए महासंघ की ओर से मुख्य सचिव को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
उक्त योजना के तहत जो भी कार्य किया है उसके लिए उच्चाधिकारियों से अनुमति ली गई है। यह योजना सिर्फ राजसमंद के लिए थी। रघुराज सिंह झाला पहले भी कई बार शिकायत कर चुके हैं। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी हो चुकी है। इनकी और से जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह बिल्कुल निराधार है।
Published on:
01 Dec 2024 12:46 pm
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