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गोडवा में फिर एक पैंथर पिंजरे में कैद, अब तक पकड़े तीन

कस्बे की गोडवा बस्ती में लगाए गए पिंजरों में रविवार को एक और पैंथर पिंजरे में कैद हुआ है। इस प्रकार यहां अब तक तीन पैंथर पकड़ में आ चुके हैं।

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देलवाड़ा. कस्बे की गोडवा बस्ती में लगाए गए पिंजरों में रविवार को एक और पैंथर पिंजरे में कैद हुआ है। इस प्रकार यहां अब तक तीन पैंथर पकड़ में आ चुके हैं। गोडवा में एनिकट साइड पर लगाए गए पिंजरे में सोमवार सुबह पैंथर के कैद होने की जानकारी लगने पर पिंजरे के आसपास ग्रामीणों का मजमा लग गया। लोगों में पैंथर को देखने और उसका फोटो खींचने की होड़ सी लग गई।

सूचना पर वन विभाग के वनपाल जीवनसिंह देवड़ा मौके पर पहुंचे और पैंथर को लोगों के मूवमेंट से परेशान होते देखकर पिंजरे को ढकवा दिया और अधिकारियों को सूचना दी। सूचना पर क्षेत्रीय वन अधिकारी देवेन्द्र कुमार पुरोहित, ट्रेंकुलाइज दल और गश्ती टीम मौके पर पहुंची। इन्होंने पैंथर को दूसरे पिंजरे में स्थानांतरित करते हुए कुंभलगढ़ के अभयारण्य पहुंचाया। अधिकारियों के अनुसार पकड़ में आया पैंथर नर होकर करीब पांच वर्ष की उम्र है। इस दौरान वन रक्षक दिलखुश मीणा, रोहित मीणा भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि वन विभाग ने गोडवा में तीन पिंजरे लगवाए थे, जिनमें एक-एक कर तीनों पिंजरों में पैंथर कैद हुए। गौरतलब है कि गत 30 मई की रात करीब तीन बजे गोडवा में घर के आंगन में सो रहे पैँथर ने नीतेश भील (2) को अपना शिकार बना लिया था। इसके बाद वन विभाग ने पैंथर को पकड़ने के लिए गांव के जंगलों में तीन जगह पिंजरे लगाए थे।

वन विभाग की ओर से लगाए गए तीन पिंजरों में सबसे पहले तीस मई की रात को एक नर पैंथर पकड़ में आया था, जो उम्र के अंतिम पड़ाव पर था। ग्रामीणों द्वारा यहां चार-पांच पैंथर होने की शिकायत पर विभाग ने इसके बाद भी यहां पर पिंजरे लगाए रखे। इसके चलते गत दो जून की रात को एक छह वर्षीय नर पैंथर और कैद हुआ और रविवार रात को तीसरे पिंजरे में भी एक और पैंथर कैद हो गया। हालांकि पकड़े गए तीनों पैंथर नर होने से इस बात की आशंका है कि इस विचरण क्षेत्र में कम से कम एक मादा पैंथर तो जरूर होगी। हालांकि, अब गोडवा में एक भी पिंजरा नहीं है। करीब के श्यामजी का गुड़ा में जरूर एक पिंजरा स्थापित है, लेकिन उसमें शिकार बंधा नहीं होने से अब तक कोई पैंथर नहीं आया है।