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Agriculture : मक्का की फसल में ‘फॉल आर्मीवर्म’ कीट ने किया हमला, काश्तकार परेशान

– जिले में 63250 हेक्टेयर में हुई मक्का की बुवाई, 2 हजार हेक्टेयर में दिखा प्रकोप, विभाग को 3800 हेक्टेयर में सब्सिडी पर रसायन उपलब्ध कराने की मिली स्वीकृति, कृषि विभाग के अनुसार जिले में 92486 हेक्टेयर में हुई फसलों की बुवाई

राजसमंदAug 10, 2022 / 10:44 am

himanshu dhawal

मक्का किसान मायूस

मक्का किसान मायूस

राजसमंद. जिले में मक्का की फसल में फॉल आर्मीवर्म कीट का प्रकोप देखने को मिल रहा है। इससे काश्तकारों की नींद उड़ गई है। हालांकि कृषि विभाग का दावा है कि वर्तमान में फसलों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं है। जबकि दो सप्ताह पहले इसका प्रकोप देखा गया था। इसके लिए जल्द ही रसायन पर अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे फसलों पर छिड़काव किया जा सका।
जिले में अब तक 92486 हेक्टेयर में बुवाई पूरी हो गई है। खेतों में फसलें लहलहा रही है। जिले में सर्वाधिक 63250 हेक्टेयर में मक्का की बुवाई की गई है। मक्का की फसल में करीब दो सप्ताह पहले फॉल आमीवर्म कीट का प्रकोप दिखाई दिया था। इस पर कृषि विभाग ने कृषि विज्ञान केन्द्र और कृषि विभाग की तकनीकी टीम ने प्रभावित क्षेत्र का दौर कर रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें करीब 2 हजार हेक्टेयर में इसका प्रकोप मिला था। साथ ही इसके बढऩे की संभावना को देखते हुए कृषि विभाग ने उच्चाधिकारियों से अनुदान पर रसायन उपलब्ध कराने की मांग की थी। इस पर विभाग ने 3800 हेक्टेयर के लिए अनुदान पर रसायन उपलब्ध कराने की स्वीकृति दे दी है। इसके तहत काश्तकार को दो हेक्टेयर के लिए अनुदान पर रसायन उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें रसायन के मूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 500 रुपए का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में स्थिति नियंत्रण है। वर्तमान मौसम और बारिश भी फसलों के अनुकूल है। लगातार बारिश और आद्र्धता बनी रहने पर फसलों पर कीट आदि का प्रकोप हो सकता है।
पिछले साल भी था इसका प्रकोप
कृषि विभाग के जानकारों के अनुसार मक्का फसल में फॉल आमीवर्म कीट का प्रकोप पिछले दो साल से देखा जा रहा है। यह कीट 80 से 100 पादप जातियों को अपने भोजन के रूप में खाता है। मुख्यतया यह मक्का की फसल को ही नुकसान पहुंचाता है। दूसरी फसलों में गन्ना, धान, ज्वार, कपास, सब्जियां तथा जंगली पौधे आदि प्रमुख पोषक पौधे हैं। इस कीट को बहुभक्षी कीट की श्रेणी में जाना जाता है। इस कीट का जीवन चक्र 30 से 61 दिन का होता है।
इनका करें उपयोग (कृषि अधिकारी की सलाह पर)
– स्पाईनोटोरम 11.7 प्रतिशत एससी 0.3 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी
– थायामिथोक्जोम 12.6 प्रतिशत प्लस लेम्डासायहेलोथ्रिम 9.5 प्रतिशत 0.5 मात्रा प्रतिलीटर पानी
– क्लोरेन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 प्रतिशत एससी 0.3 मिली मात्रा प्रतिलीटर पानी
– इमामेक्टिन बेन्जोएट 5 प्रतिशत एसजी 0.4 मिली मात्रा प्रतिलीटर पानी
रसायन के लिए कराएंगे अनुदान उपलब्ध
जिले में करीब दो सप्ताह पहले दो हजार हेक्टेयर मक्का की फसल में फॉल आर्मीवर्म कीट का प्रकोप दिखाई दिया था। इस पर केवीकी और कृषि विभाग की तकनीकी टीम से निरीक्षण कराया गया। इसके बाद विभाग को 3800 हेक्टेयर में अनुदान पर रसायन उपलब्ध कराने की मांग की थी। वह पूरी हो गई है। काश्तकार को दो हेक्टेयर पर रसायन की लागत का 50 प्रतिशत और अधिकतम 500 रुपए का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।
– के.सी. मेघवंशी, उपनिदेशक (विस्तार) कृषि विभाग राजसमंद

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