पत्रिका टीम ने शहर के धोइंदा क्षेत्र में पानी प्लांट के पास बनी दोनों टंकियां देखी। इसमें प्लांट से करीब १०० मीटर दूर बनी टंकी की सफाई ५ जून २०१६ को हुई थी तथा आगामी सफाई ४ दिसम्बर २०१६ को होनी थी, ऐसे में दो वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इसकी सफाई नहीं करवाई गई। जो विभाग की बेहद लापरवाही दर्शाता है। वहीं धोइंदा प्लांट के अंदर बनी टंकी की सफाई भी २० अप्रैल २०१७ को की गई थी तथा आगामी सफाई २१ अक्टूबर २०१७ को होनी थी, लेकिन यहां भी आजतक विभग ने सुध नहीं ली। इसीतरह स्वास्तिक सिनेमा के आगे तालेड़ी नदी के किनारे बनी पानी की टंकी की सफाई २० अप्रैल २०१७ को हुई थी तथा आगामी सफाई १९ अक्टूबर २०१७ को होना लिखा है, लेकिन सफाई आजतक नहीं हुई। कमोवेश शहर की अन्य टंकियों की हालत भी ऐसी ही है। इतने गम्भीर मामले पर भी जिम्मेदार लापरवाह बने हुए है। जबकि इससे शहर की करीब १ लाख आबादी प्रभावित होती है।
जलदाय विभाग के नियमों के तहत प्रत्येक टंकी की सफाई अधिकतम छह माह में होनी चाहिए। नियमों के तहत टंकी की सफाई कर तिथि अंकित करनी होती है तथा आगामी सफाई कब करवाई जाएगी, इसकी तिथि भी अंकित करनी होती ताकि विभाग के साथ ही आम लोगों को भी इस बात का पता रहे कि टंकी की सफाई कब हुई थी और अब कब होनी है।
विभाग के नियमानुसार कर्मचारी से लेकर आलाधिकारियों तक के निरीक्षण के लक्ष्य होते हैं। वह टंकियों की टूट-फूट, साफ-सफाई से लेकर पानी वितरण प्रणाली तक की जानकारी लेते हैं, लेकिन टंकियों की इतने लम्बे समय तक सफाई नहीं होना दर्शाता है कि यहां कर्मचारी और अधिकारी पूरी मुश्तैदी से निरीक्षण नहीं करते और अगर करते हैं, उसके बाद यह हालत है तो यह और भी शर्मनाक और गम्भीर है।
धोइंदा क्षेत्र में बनी पानी की दोनों टंकियों के ढक्कन टूटे है। प्लांट में बनी टंकी का ढक्कन बंद ही नहीं होता, जबकि १०० मीटर दूर बनी टंकी का ढक्कन जर्जर होकर बंद है, लेकिन उसमें भी ताला तक नहीं लगा है। यह भी काफी गम्भीर है।
इतने लम्बे समय से टंकियों की सफाई नहीं हुई है ऐसा हो तो नहीं सकता। फिरभी हम पता करवाते हैं।
शैतानसिंह, अधिशासी अभियंता, जलदाय विभाग, राजसमंद