गोमती नदी के छापरखेड़ी पुल से पानी में बही महिला को राजसमंद आपदा प्रबंधन दल साढ़े 17 घंटे बाद भी नहीं तलाश पाया।
राजसमंद
गोमती नदी के छापरखेड़ी पुल से पानी में बही महिला को राजसमंद आपदा प्रबंधन दल साढ़े 17 घंटे बाद भी नहीं तलाश पाया। राजसमंद आपदा प्रबंधन के हाथ पैर तो गुरुवार रात को ही फुल गए और रेस्क्यू अभियान रात साढ़े 12 बजे ही बंद कर दिया, जबकि सुबह 7 बजे से तलाश के प्रयास शुरू करने वाले हिन्दुस्तान जिंक का एक्सपर्ट दल भी महिला को तलाशने में फेल रहा और करीब साढ़े 11 बजे उल्टे पांव लौट गया। हाथ पर हाथ धरे बैठे प्रशासन ने आखिर संभागीय आयुक्त उदयपुर से संपर्क कर उदयपुर से आपदा प्रबंधन के विशेषज्ञों को बुलाया है, जिनके आने के बाद ही अब गोमती नदी में बही महिला का पता चल सकेगा। इधर, घटना स्थल पर राजसमंद के उपखंड अधिकारी राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, केलवा थाना प्रभारी भरत योगी के नेतृत्व में पुलिस, प्रशासनिक व ग्राम पंचायत तासोल-पसूंद के कार्मिक व ग्रामीण जुटे हुए हैं। हिन्दुस्तान जिंक के दल के लौटने के बाद ग्रामीणों ने स्थानीय स्तर से तलाशी के प्रयास जारी रखे, लेकिन दोपहर एक बजे तक कोई पता नहीं चल सका।
निहत्था है राजसमंद प्रशासन
तेज बारिश से राजसमंद में एक बार बाढ़ से हालात उत्पन्न होने के बावजूद जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीम को मजबूत नहीं किया। राजसमंद शहर व ग्रामीण क्षेत्र के कतिपय तैराकों के भरोसे ही राजसमंद प्रशासन का आपदा प्रबंधन चल रहा है। नगरपरिषद राजसमंद में भी टॉर्च, तगारी, फावड़े, लाइफ जैकेट के अलावा कोई एक्सपर्ट नहीं है। नगरपरिषद में प्रतिनियुक्ति पर कार्य होमगार्ड ही विशेषज्ञ है, जिन्हें न तो आपदा प्रबंधन का कोई ज्ञान है और न ही कभी प्रशिक्षण दिया गया। दूसरी ओर पुलिस महकमे में भी न कोई एक्सपर्ट तैराक है और न ही पानी में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए कोई विशेषज्ञ मौजूद है। इसके चलते राजसमंद आपदा प्रबंधन के प्रयास महज कागजी होकर रह गए हैं, जिसकी पोल छापरखेड़ी में महिला के गोमती नदी में बहने के बाद सामने आ गए।
तब भी बुलानी पड़ी एनडीआरएफ टीम
पिछले पखवाड़े में गोमती नदी में 7 फीट पानी की आवक के बाद फंसे 4 लोगों को जिला प्रशासन का आपदा प्रबंधन नहीं निकाल पाया। इसके चलते जिला कलक्टर पीसी बेरवाल ने अजमेर से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया और रात साढ़े 12 बजे गोमती नदी के भाणा- लवाणा क्षेत्र में फंसे लोगों को निकालने के प्रयास शुरू कर दिए। फिर भी जिला प्रशासन द्वारा आपदा प्रबंधन टीम को मजबूत करने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए। इसके चलते अब फिर महिला के छापरखेड़ी पुल से गोमती नदी में बहने के बाद प्रशासन निहत्था खड़ा होकर रह गया है।
स्लीप हो गई थी बाइक
गुरुवार रात 7 बजे बाइक स्लीप होने से रेखा देवी (25) उसके पति मोहनलाल गमेती पानी में बह गए। फिर मोहनलाल तो बाहर निकल आया, मगर रेखादेवी का पता नहीं चल पाया। हिन्दुस्तान जिंक के दल ने शुक्रवार सुबह 10 बजे मोटरसाइकिल को बाहर निकाल लिया, मगर महिला का पता नहीं चल पाया।