
राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल कार्यालय भवन
हिमांशु धवल
राजसमंद. प्रदेश में 50 स्थानों पर जल्द ही प्लास्टिक बोतल फ्लेकिंग मशीन लगाई जाएगी। उक्त मशीन प्लास्टिक की बोतल के छोटे-छोटे टुकड़े करेगी, जिससे उसे रिसाइकिल किया जा सकेगा। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से इसके लिए टेण्डर प्रक्रिया जारी है। अधिकांश मशीनें पर्यटन स्थल और धार्मिक स्थलों पर लगाई जाना प्रस्तावित है। राज्य सरकार ने बजट में प्रदेश के सात कलस्टरों में पचास स्थानों पर प्लास्टिक बोतल फ्लेकिंग मशीन लगाने की घोषणा की थी। उक्त घोषणा के तहत बोतल फ्लेकिंग/ रिजर्व वेडिंग मशीन लगाई जाएगी। इसमें पानी की बोतल आदि को डालने पर मशीन उसके तुरंत छोटे-छोटे टुकड़े कर देगी। इन टुकड़ों को फिर से पुन:नवीनीकरण (रिसाइकिल) किया जा सकेगा। राजस्थान प्रदूषण नियत्रंण मंडल की ओर से प्रदेश स्तर पर मशीनें लगाने के लिए, उनकी सार संभाल और संचालन आदि करने के लिए टेण्डर प्रक्रिया जारी है। यह सभी कार्य ठेकदार अथवा फर्म के माध्यम से कराए जाएंगे। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल इसकी मॉनिटरिंग कर सहयोग करेगा। उल्लेखनीय है कि पर्यटन स्थलों पर सर्वाधिक कचरा प्लास्टिक की बोतलों का होता है। इससे उक्त समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकेगा।
राजसमंद जिले के नाथद्वारा स्थित श्रीनाथ मंदिर के आस-पास और कुंभलगढ़ फोर्ट में उक्त मशीनें लगाई जानी प्रस्तावित है। इसके लिए राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से नाथद्वारा में नगर पलिका और कुंभलगढ़ फोर्ट के निकट मशीन लगाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को पत्र लिखकर अनुमति मांगी गई है। इनकी अनुमति मिलने पर आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
फ्लेकिंग मशीन एक औद्योगिक उपकरण है, जिसे मुख्य रूप से प्लास्टिक सामग्री को छोटे-छोटे टुकड़ों (फ्लेक्स) में बदलने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका उपयोग प्लास्टिक के पुन: नवीनीकरण की प्रक्रिया में किया जाता है। बड़े प्लास्टिक के टुकड़ों को छोटे फ्लेक्स में काटा जाता है ताकि उन्हें फिर से उपयोग में लाया जा सके या किसी अन्य उत्पाद में बदला जा सके।
अजमेर संभाग : पुष्कर, आनासागर, दरगाह शरीफ, सोनीजी की नसियां, किशनगढ़ डम्पिंग यार्ड
अलवर-भरतपुर : सरिसका सफारी, अलवर रेलवे स्टेशन, भरतपुर रेलवे स्टेशन, केवलादेव नेशनल पार्क एवं लोहागढ़ फोर्ट
जयपुर संभाग : सांभरलेक टाउन, रामनिवास बाग, नाहरगढ़ जैविक उद्यान, झालाना सफारी पार्क, बिड़ला मंदिर, जवाहर सर्कल, जल महल, अम्बर पेलेस, हवा महल, जयगढ़ फोर्ट, अल्बर्ट हॉल और स्मृति वन
जोधपुर-बीकानेर : मेहरानगढ़ फोर्ट, उम्मेद भवन, मंडोर गार्डन, कायलाना लेक, जसवंत ठाडा, तूरजी का झालरा, जूनागढ़ फोर्ट, करणी माता मंदिर
कोटा संभाग : चम्बल रिवर फंट, रेलवे स्टेशन, सेवन वंडर पार्क, किशोर सागर, खड़े गणेशजी मंदिर
सीकर-झुंझुनूं : खाटू श्यामजी मंदिर, सालासर बालाजी, लक्ष्मणगढ़ फोर्ट, रानी सती मंदिर और सोने-चांदी की हवेली
उदयपुर-चितौडगढ़़ और राजसमंद : पिछोला लेक, फतहसागर, सज्जनगढ़ फोर्ट, जयसमंद लेक, जगदीश टेम्पल, सहेलियों की बाड़ी, चितौडगढ़़ फोर्ट, नाथद्वारा, कुंभलगढ़ फोर्ट, राणा कुंभा पैलेस
जिले के नाथद्वारा और कुंभलगढ़ फोर्ट में फ्लेकिंग मशीन लगाई जानी है। नगर पालिका और फोर्ट के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से अनुमति मांगी गई है। मुख्यालय से ही टेण्डर आदि प्रक्रिया की जा रही है।
Published on:
29 Nov 2024 12:39 pm
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