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चार माह बाद फिर से शुरू होगा यह काम, इस कारण था बंद…पढ़े पूरी खबर

राजसमंद में फूड टेस्टिंग लैब बजट के अभाव में पिछले चार माह से बंद पड़ी थी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को बजट मिलने पर अब इसका संचालन फिर से शुरू होगा और खाद्य पदार्थो के सेम्पल ले सकेगी।

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सीएमएचओ ऑफिस में खड़़ी फूड टेस्टिंग लैब

राजसमंद. जिले में फूड टेस्टिंग लैब का संचालन फिर से शुरू होगा। रख-रखाव के बजट के अभाव में पिछले चार माह से इसका संचालन बंद हो गया था। इसके कारण सेम्पल आदि भी नहीं ले पा रहे थे। राज्य सरकार ने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब (एमएफटीएल) 21 अगस्त 2023 को उपलब्ध कराई गई थी। सरकार की मंशा थी कि बाजारों में बिकने वाले मिलावटी सामान की बिक्री को रोका जाए। इसमें कोई भी उपभोक्ता नि:शुल्क अपने खाद्य पदार्थ, दूध, मावा आदि की जांच करवा सकते हैं। जांच में सेम्पल फेल होने पर कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन बजट नहीं होने के कारण जून माह में इसका संचालन बंद हो गया। इस पर राजस्थान पत्रिका के 9 जून के अंक में ‘मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब के पहिए थमे, बजट का इंतजार’ शीषर्क से समाचार प्रकाशित किया गया। इसमें बताया कि बजट के अभाव में लैब का संचालन नहीं हो पा रहा है। इसके कारण गांव-गांव जाकर सेम्पल नहीं ले पा रही थी। इस पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यालय को पत्र भी लिखे। इसके चलते अब वैन के रख रखाव और संचालन का बजट मिलने से उसका संचालन मंगलवार से शुरू हो गया है।

राजसमंद-ब्यावर में लेती है सेम्पल

मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब (फूड सेफ्टी ऑन व्हील) का संचालन 15 दिन राजसमंद और 15 दिन ब्यावर जिले में किया जाता है। यह गांव-ढाणी में जाकर खाद्य पदार्थो के सेम्पल लेकर मौके पर ही जांच करती है। लेकिन बजट के अभाव में चार माह से सीएमएचओ कार्यालय में वैन खड़ी हुई थी।

164 सेम्पल में से 50 मिलावटी और 6 अनसेफ

राजसमंद. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत अब तक 164 फूड सेम्पल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे। इसमें से 50 मिलावटी और 6 अनसेफ पाए गए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अनुसार खाद्य पदार्थो में मिलावट की जांच के लिए समय-समय पर सेम्पल लिए जाते हैं। इसके तहत एक जनवरी से 30 सितम्बर तक 164 सेम्पल लेकर जांच के लिए भेजे गए। जांच में पचास सेम्पल मिलावटी और छह अनसेफ पाए गए थे। इसमें से 33 मामलों का चालन अतिरिक्त जिला कलक्टर की कोर्ट में पेश किया गया। वहां से 21 मामलों में 2 लाख 54 हजार 500 रुपए का जुर्माना लगाया गया है, जबकि 12 मामले अभी पेडिंग चल रहे हैं।

बजट मिलते ही शुरू हो जाएगी वैन

मोबाइल फूड सेफ्टी वैन के रख-रखाव के लिए बजट मिल गया है। इसका संचालन भी शुरू हो गया है।

  • अशोक कुमार यादव, खाद्य सुरक्षा अधिकारी सीएमएचओ राजसमंद

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