इस संबंध में एक फुटकर विक्रेता से हुई बातचीत
सवाल – कहां से लाते हो ये जर्दा-गुटखा?
जवाब – किसी भी थोक विक्रेता के यहां से ले आते हैं। सभी अपने तय ठिकानों से दे रहे हैं।
सवाल – कहां से लाते हो ये जर्दा-गुटखा?
जवाब – किसी भी थोक विक्रेता के यहां से ले आते हैं। सभी अपने तय ठिकानों से दे रहे हैं।
सवाल – कितना पैसा ज्यादा पैसे ले रहे हैं?
जवाब – साब, हम तो क्या ले रहे हैं, ले तो थोक व्यापारी रहे हैं। पांच रुपए का पाउच तीस से चालीस रुपए भी ले लेते हैं। जैसी स्थिति, वैसा पैसा। अभी तो कुछ डाउन हुआ है।
जवाब – साब, हम तो क्या ले रहे हैं, ले तो थोक व्यापारी रहे हैं। पांच रुपए का पाउच तीस से चालीस रुपए भी ले लेते हैं। जैसी स्थिति, वैसा पैसा। अभी तो कुछ डाउन हुआ है।
सवाल – कितना माल एक साथ मिल सकता है?
जवाब – लो जितना सुलभ है। पर थोक विक्रेता ज्यादा माल दिखाता नहीं है। वो एक-एक कार्टून ही देगा। हालांकि बाहर बड़ी मात्रा में सप्लाई हो रहा है।
जवाब – लो जितना सुलभ है। पर थोक विक्रेता ज्यादा माल दिखाता नहीं है। वो एक-एक कार्टून ही देगा। हालांकि बाहर बड़ी मात्रा में सप्लाई हो रहा है।
सवाल – बीडी-सिगरेट की क्या स्थिति है?
जवाब – साब, बीड़ी की तो बात ही छोड़ो। बहुत महंगा मिल रहा है बीड़ी का पैकेट। बीड़ी के 20 बंडल की शीट जो पहले 360 रुपए में मिल जाती थी, अभी कोई 1000 रुपए ले रहा है तो कोई 1200 रुपए भी मांग रहा है। बहुत खराब स्थिति है साब। बीच में ये भाव 1800 रुपए भी पहुंचे थे।
जवाब – साब, बीड़ी की तो बात ही छोड़ो। बहुत महंगा मिल रहा है बीड़ी का पैकेट। बीड़ी के 20 बंडल की शीट जो पहले 360 रुपए में मिल जाती थी, अभी कोई 1000 रुपए ले रहा है तो कोई 1200 रुपए भी मांग रहा है। बहुत खराब स्थिति है साब। बीच में ये भाव 1800 रुपए भी पहुंचे थे।
सवाल – गांव में भी ये ही हाल हैं?
जवाब – बिल्कुल, गांव में भी इसी दाम पर मिल रहे हैं। आखिर माल तो इन्हीं थोक विक्रेता के यहां से रहा है। सवाल – ये थोक विक्रेता जिला मुख्यालय के पास कहां है?
जवाब – ये ही बस स्टेण्ड के पास हैं।
जवाब – बिल्कुल, गांव में भी इसी दाम पर मिल रहे हैं। आखिर माल तो इन्हीं थोक विक्रेता के यहां से रहा है। सवाल – ये थोक विक्रेता जिला मुख्यालय के पास कहां है?
जवाब – ये ही बस स्टेण्ड के पास हैं।