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ऋण माफी के भरोसे साढ़े पांच लाख किसान हो गए बैंकों के डिफाल्टर

(Jharkhand News ) झारखंड सरकार के चुनावी वायदों (Soren election promise ) की कीमत बैंकों को चुकानी पड़ (Banks paying cost in Jharkhand ) रही है। सरकार के वायदे भरोसे बैठे किसानों के कर्ज नहीं चुकाने से करीब साढ़े पांच लाख किसान बैंकों के डिफाल्टर (5.50 Lakh farmer become defaulters ) हो गए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना है कि राज्य सरकार शीघ्र ही किसानों के कर्ज माफी पर निर्णय करेगी। इस दिशा में काम हो रहा है ओर जल्दी ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

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ऋण माफी के भरोसे साढ़े पांच लाख किसान हो गए बैंकों के डिफाल्टर

ऋण माफी के भरोसे साढ़े पांच लाख किसान हो गए बैंकों के डिफाल्टर

रामगढ़(झारखंड): (Jharkhand News ) झारखंड सरकार के चुनावी वायदों (Soren election promise ) की कीमत बैंकों को चुकानी पड़ (Banks paying cost in Jharkhand ) रही है। सरकार के वायदे भरोसे बैठे किसानों के कर्ज नहीं चुकाने से करीब साढ़े पांच लाख किसान बैंकों के डिफाल्टर (5.50 Lakh farmer become defaulters ) हो गए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना है कि राज्य सरकार शीघ्र ही किसानों के कर्ज माफी पर निर्णय करेगी। इस दिशा में काम हो रहा है ओर जल्दी ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

सोरेन सरकार ने किया था वायदा
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन सरकार ने किसानों की कर्ज माफी के चुनावी वायदे किए थे। गठबंधन में शामिल कांग्रेस और आरजेडी ने भी अपने अपने घोषणा पत्रों में कर्ज माफी का वायदा किया था। इसी वजह से जो किसान बैंकों को ब्याज चुका रहे थे, अब देना बंद कर दिया है। इससे सरकार की तीन योजना के 5 लाख 43 हजार अकाउंट होल्डरों पर लगभग 3 हजार करोड़ का कर्जा हो गया है। अभी राज्य के किसान कर्ज माफी के इंतजार में हैं। बैंकों का कर्ज लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

19 लाख किसानों पर है ऋण
प्रदेश के करीब 19 लाख किसानों ने अलग-अलग बैंकों से कृषि ऋण ले रखे हैं। किसानों को 10 हजार करोड़ की राशि लोन के रूप में वितरित की जा चुकी है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में 8388 अकाउंट होल्डर हैं। इसमें कर्जा 142.17 करोड़ हो गया है। यह कुल बकाया का 40.34 फीसदी है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना में 462397 अकाउंट होल्डर हैं। इसमें 1753.75 करोड़ है यह कुल बकाया का 23.59 फीसदी है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 72295 अकाउंट होल्डर हैं। इसमें 1083.09 करोड़ है। यह कुल बकाया का 15.93 फीसदी है।

कर्ज माफी का है इंतजार
झारखंड के किसान कृषि लोन लेने में तो आगे हैं लेकिन लोन के पैसे चुकाने में वे आगे नहीं आ रहे हैं। इसी वजह से बैंकों पर भी वित्तीय संकट उत्पन्न हो गया है। कृषि ऋण नहीं चुकाने वालों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही है। करीब 1 लाख किसानों के समक्ष आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कर्ज माफी के इंतजार में किसान डिफॉल्टर हो गए हैं। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने भी कहा कि उनकी पार्टी का कर्ज माफी का चुनावी वायदा जल्द पूरा होगा। साथ ही यह भी कहा की किसानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. कोरोना की वजह से थोड़ी दिक्कत हुई है।