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आजम को मात्र सौ रुपए सालाना लीज पर दी गई थी करोड़ों की प्रॉपर्टी

प्रदेश सरकार जौहर ट्रस्ट से मौलाना मोहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान वापस लेगी। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बारे में शासन ने DM से रिपोर्ट तलब की है।

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सरकार से जौहर शोध संस्थान की शिकायत की गई थी। सरकार ने SIT गठित कर जांच कराई थी। एसआईटी ने जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। जिसमें खुलासा हुआ कि मौलाना मोहम्मद अली जौहर शोध संस्थान में शोध कराना था। उर्दू, अरबी व फारसी विषयों में उच्च शिक्षा शोध होना था, लेकिन आजम खान ने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा जुड़वा दिया।

आजम खुद आजीवन अध्यक्ष हैं
कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से प्रस्ताव पास करा लिया। जिसमें 100 रुपये सालाना की दर से लीज पर ले लिया। आजम खुद इस ट्रस्ट के आजीवन अध्यक्ष हैं। वर्तमान में जौहर शोध संस्थान के इस भवन में आजम का रामपुर पब्लिक स्कूल चलता है। सरकार इस लीज को खत्म करेगी। जौहर ट्रस्ट से शोध संस्थान का भवन और जमीन वापस लेगी। इस संबंध में राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव मनोज कुमार और राजस्व परिषद में उप भूमि व्यवस्था आयुक्त भीष्म लाल वर्मा की ओर से डीएम से विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है।

ये था संस्थान का उद्देश्य
मौलाना मोहम्मद अली जौहर रामपुर के निवासी थे। रामपुर में मौलाना मोहम्मद अली जौहर शोध संस्थान की स्थापना की गई थी। इस शोध संस्थान का उद्देश्य अल्पंसख्यक समुदाय के लिए आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक विकास करना था।

अफसरों ने भी नियमों की अनदेखी की थी
आजम खां ने अपने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का सरकारी शोध संस्थान अपने निजी ट्रस्ट में लीज पर ले लिया था। आरोप है कि इसके लिए कई बार नियमों को भी बदला गया। यहां तक कि शोध संस्थान के उद्देश्यों को भी सपा सरकार ने बदल दिया था। करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से बने इस शोध संस्थान को आजम खां ने सौ रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से 99 साल की लीज पर ले लिया था। अफसरों ने‌ नियमों की अनदेखी की थी।

संयुक्त निदेशक आरपी सिंह को निलंबित कर दिया था
संयुक्त निदेशक आरपी सिंह को निलंबित किया गया था। जिस समय यह शोध संस्थान आजम खां के ट्रस्ट को दिया गया, उस समय वह रामपुर में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात थे। एसआईटी का मानना है कि इस संस्थान का भवन सीएनडीएस बना रहा था। बिना हैंड-ओवर किए ही यह भवन लीज पर दे दिया गया था।

कानून के दायरे में हुए हैं सभी काम-आजम
रामपुर में जिस समय एसआईटी जांच के लिए आई थी, उस समय पूर्व मंत्री आजम खां का कहना था कि हमने अपने लिए कुछ नहीं किया है। जो भी काम कराए हैं, वह समाज के लिए है। सभी काम सरकार की अनुमति से कानून के दायरे में रहकर कराए गए हैं। प्रदेश सरकार अगर समाज का अहित करना चाहती है, तो इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता।

99 साल तक नवीनीकरण
आजम खां ने यह सब अपने विभाग अल्पसंख्यक कल्याण में मंत्री रहने के दौरान किया। आजम ने इसे मात्र 100 रुपये वार्षिक की दर से 33 साल के लिए लीज पर लिया। यह लीज 33-33 साल के लिए दो बार बढ़ाई जा सकती है। यह वही ट्रस्ट है जिसमें वह खुद आजीवन अध्यक्ष, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातिमा सचिव व बड़े बेटे मो. अदीब आजम खां सदस्य हैं। वर्तमान में चमरौआ विधायक नसीर अहमद खां संयुक्त सचिव हैं।