बता दें कि सपा नेता आजम खान ने हाईकोर्ट की तरफ से लगाई गई जमानत की शर्त को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। आजम खान की तरफ से याचिका में कहा गया कि एक केस में जमानत के वक्त हाईकोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी की 13.8 हेक्टेयर भूमि प्रशासन को कब्जे में लेने की अनुमति दी है। इस पर सर्वोच्च न्यायालय में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की पीठ ने सुनवाई करते हुए साफ कहा कि हाईकोर्ट की ओर से जमानत देने के लिए लगाई गई शर्त अनुपातहीन है।
यह भी पढ़ें-
पूर्व बाहुबली सांसद डीपी यादव हाथ जोड़कर बोले- एसएसपी साहब अब बंद कर दीजिए मेरी हिस्ट्रीशीट यूपी सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन से जवाब तलब पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार आरोपियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने वाले के साधनों से इसका कोई संबंध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर नोटिस जारी करते हुए यूपी सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन से जवाब भी तलब किया है।
यह भी पढ़ें-
इलाहाबाद हाईकोर्ट: आयकर विभाग के लापरवाह व गलत अधिकारियों पर कार्रवाई का खाका तैयार आजम को दूसरी बड़ी राहत बता दें कि कुछ दिन पूर्व ही सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता आजम खान को अंतरिम जमानत दी थी। जिसके बाद से आजम खान के समर्थकों में खुशी का माहौल है। वहीं, अब जौहर यूनिवर्सिटी में तोड़फोड की कार्रवाई पर सुप्रीम रोक के बाद यह दूसरी बड़ी राहत है।