इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रजा लाइब्रेरी के लिए बेहतर परफॉर्मेंस देने वाले साहित्यकारों को सम्मानित किया। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने शिक्षा जगत में सब पढ़ें-सब बढ़ें एक प्रोग्राम किया है, जो अलग-अलग शहरों में जारी हो रहा है। रामपुर पढ़े-रामपुर आगे बढ़े इसी तरह बाकी शहरों में अफसरों को यह सब करवाना है। उन्होंने कहा कि मैं जहां जाती हूं, वहां पढ़ने-पढ़ाने पर जोर देती हूं। मेरा यह मानना है कि बिना पढ़े-बिना लिखे किसी की भी तरक्की नहीं हो सकती है। छोटे बड़े सभी को मेरा यह कहना है कि सब दिल से पढ़ें, ताकि वह किसी भी क्षेत्र में अपना जीवन अच्छे से जी सकें।
बता दें कि रजा लाइब्रेरी में रखी पांडुलिपियों को देखकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल इतनी मंत्रमुग्ध हो गई कि उनको काफी देर तक निहारती रहीं। उन्हें डायरेक्टर ने तमाम सारी चीजे भेंट की हैं, ताकि वह रामपुर की बेशकीमती पांडुलिपियों को देख सकें। रजा लाइब्रेरी के डायरेक्टर ने कहा कि 6 महीने के अंदर हम एक बढ़िया गुजराती पुस्तक तैयार कराएंगे, जिसमें तमाम पांडुलिपियों का जिक्र होगा।