डायवर्शन संबंधी दस्तावेज में छेड़छाड पाए जाने के बाद अब संभवत: होटल शीतल पर प्रशासन का बुलडोजर फिर से चलने की संभावना है। लेबड़ -नयागांव फोरलेन पर संचालित होने वाले तस्करी के ढाबो पर प्रशासन ने माफिया मुक्त अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए मलेनी से माननखेड़ा तक करीब २० ढाबों को चिन्हित करते हुए उनमे से १७ ढाबों को जमीदौंज किया था, कार्रवाई के दौरान होटल शीतल पर आकर प्रशासन की कार्रवाई रुक गई थी, २२ दिसम्बर २०१९ को होटल शीतल पर कार्रवाई करने पहुंचे एसडीएम राहुल नामदेव और सीएसपी अगम जैन को होटल की मालकिन मेहराज बी की और से उनके वकील ने पंचायत द्वारा निर्माण की अनुमति संबंधी एक दस्तावेज दिखाया था, जिस पर एसडीएम ने पंचायत से निर्माण की अनुमति की विज्ञप्ती तथा पंचायत के रजिस्टर में इंट्री लेकर तलब किया था, लेकिन होटल शीतल का मामला न्यायालय में चला गया और कार्रवाई पर विराम लग गया। अंतिम सुनवाई के दिन न्यायालय में होटल शीतल पर स्टै दे दिया।