रतलाम

चिकित्सकों के दावों में उलझा मरीज का मर्ज, पैर का दर्द बरकरार

शहर के एक युवक के पैर में फैक्चर के बाद ऑपरेशन पर चिकित्सकों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। युवक का मर्ज तो दूर नहीं हुआ है, लेकिन पहले शासकीय अस्पताल और फिर निजी अस्पताल में उपचार को लेकर सीएमएचओ तक शिकायत पहुंच गई है।

रतलामDec 09, 2019 / 05:24 pm

Ashish Pathak

रतलाम. शहर के एक युवक के पैर में फैक्चर के बाद ऑपरेशन पर चिकित्सकों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। युवक का मर्ज तो दूर नहीं हुआ है, लेकिन पहले शासकीय अस्पताल और फिर निजी अस्पताल में उपचार को लेकर सीएमएचओ तक शिकायत पहुंच गई है। हालांकि मामले में अब तक शिकायत के आधार पर जांच के लिए कदम नहीं बढ़ पाए है।
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सीएमएचओ तक पहुंची शिकायत
शिकायतकर्ता प्रतीक गेहलोत ने बताया कि सितंबर में पैर में फैक्चर हो गया था। सरकारी अस्पताल में डॉ. योगेश निखरा ने ट्रामा सेंटर में ऑपरेशन में किया। दर्द नहीं गया तो निजी श्रद्धा अस्पताल में डॉ. दिनेश भूरिया ने फिर से ऑपरेशन किया। अब डॉ. निखरा का कहना है कि उन्होंने जो बेहतर होता है वो किया, जबकि डॉ. भूरिया का कहना है कि सरकारी अस्पताल के ऑपरेशन में मरीज के पैर में स्क्रू सही नहीं लगाया था, इसलिए फिर से ऑपरेशन की नौबत आई। एक ऑपरेशन के मामले में दो डॉक्टर आमने – सामने हो गए है, लेकिन मरीज का दर्द कायम है। 18 नवंबर को सीएमएचओ डॉ. पी ननावरे को भी शिकायत की गई है, जिसकी जांच अब तक शुरू नहीं हो पाई है।
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यहां सुधार नहीं तो, वड़ोदरा में उपचार कराने जाना पड़ा

प्रतीक ने बताया कि 12 सितंबर की रात चांदनी चौक में उनका पैर फिसला और वे गिर गए थे। मित्रों की मदद से जिला चिकित्सालय पहुंचे। 18 सितंबर को डॉ. निखरा ने ऑपरेशन किया। इसके बाद २६ सिंतबर को जिला चिकित्सालय से अवकाश दे दिया गया। इसके बाद भी जब दर्द बंद नहीं हुआ तो वे फिर से डॉ. निखरा के पास गए, लेकिन उन्होंने यह कहकर लौटा दिया कि जो इलाज किया है, बेहतर किया है, ठीक होने में समय लगेगा। जब दर्द ठीक नहीं हुआ तो प्रतीक काटजू नगर स्थित श्रद्धा अस्पताल में 29 अक्टूबर को भर्ती हुए। 30 अक्टूबर को डॉ. दिनेश भूरिया ने ऑपरेशन किया। इसके लिए अस्पताल को करीब 40 हजार रुपए दिए। 4 नवंबर को अस्पताल से छुट्टी मिली। तब से अब तक दर्द से राहत नहीं मिली है व वड़ोदरा जाकर भी चिकित्सक परामर्श लिया है।
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जो बेहतर वो किया
मरीज को पूर्ण रूप से कम से कम तीन माह आराम की सलाह दी है, जो बेहतर है वो दिए हुए संसाधन से किया है। इससे अधिक कुछ नहीं कहना है।
– डॉ. योगेश निखरा, जिला चिकित्सालय रतलाम

स्क्रू कमजोर लगा था
मरीज के पैर में दर्द का कारण स्क्रू का कमजोर रहना था। उसको फिर से ऑपरेशन करके ठीक किया है।
– डॉ दिनेश भूरिया, निजी अस्पताल में ऑपरेशन करने वाले शासकीय चिकित्सक
जांच की जाएगी
मामले में शिकायत मिली है। लगातार बैठक में व्यस्ता के चलते इस पर निर्णय नहीं हो पाया। जल्दी ही इस मामले की जांच करवाई जाएगी।
– डॉ. पी ननावरे, सीएचएमओ, रतलाम
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