किसान लक्ष्मीनारायण पाटीदार ने बताया कि शनिवार सुबह 5 बजे हरे चने लोडिंग वाहन में भरकर मंडी पहुंचाए। जब वाहन चालक माल उतारने लगा तो, हम्मालों ने कहा कि माल हम उतारेंगे और जबरन माल उतारने के लिए दबाव बनाया, पर वाहन चालक ने मना कर दिया और स्वयं माल प्लेटफार्म पर उतारकर चला गया। इसके पहले भी दो दिनों से जबरन माल हम्मालों ने उतार रहे एवं प्रति नग 5 से 10 या 2 किलो वजन के भी 2 रुपए प्रति नग वसुले। मना करने पर कहते है मंडी का नियम ये ही है। रिक्शा चालक के जाते ही एक हम्माल हरे चने के ढेर के पास आया और एक गठरी उठाने लगा तो उसकी सुतली टुट गई। फिर वह ढेर के दूसरी तरफ गया और निचे से एक गठरी उठाकर लाया वो भी टुट कर बीखर गई। फिर उसने बिखरे हुए चने को हाथों से उठाकर पास खड़ी गाड़ी में डाल दिया। गाड़ी से दूसरा हम्माल था उसने उन चने को एक तरफ कर ढक दिया फिर गाड़ी वहां से चली गई।
जब मैं (सत्यनारायण पाटीदार) मंडी पहुंचा तो मैने ढेर बिखरा हुआ देखा, मैने पास खड़े किसान से पूछा कि चने किसने बिखेरे तो उसने कहा कि मैं अभी आया हूं, मुझे नहीं पता, फिर मैं चले की गठरी बैचने लगा तो वही हम्माल मेरे पास आया और मुझसे पूछने लगा कि ये चने आपके है? फिर मैने उससे पूछा कि ये किसने बिखेरे तो वो बोला वो रिक्शेवाला ऐसे ही डालकर गया, तुम हमको नहीं उतारने देते हो तो वो ऐसे ही फेकेंगे। मैने रिक्शे वाले को फोन लगाकर पूछा कि चने कैसे फेंककर गये तो उसने कहा कि नहीं भैया हम तो एक जैसे जमाकर रखकर आए है। फिर मैने वहां खड़े लोगों से कहा कि अब तो कैमरे में रिकार्डिंग चेक करना पड़ेगा, तभी पता चलेगा कि चने किसनेे बिखेरे, इतने में वह हम्माल मेरे पास आया और कहने लगा कि मैने एक को 10 किलो चने दिए है, मैने उससे कहा कि तुमने कैसे दे दिए हमसे पूछा तक नहीं? फिर हमने सीसीटीवी फुटेज चेक किया, जिसमें वो हम्माल साफ चोरी करते नजर आ रहा है और उसके साथ हम्माल भी कुछ नहीं कह रहे। पूरा फूटेज हमारे पास है।