12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सूनी गोद को भरने के लिए महिलाओं ने ग्रहण की खीर

सूनी गोद को भरने के लिए महिलाओं ने ग्रहण की खीर

2 min read
Google source verification

रतलाम

image

Akram Khan

Feb 24, 2020

सूनी गोद को भरने के लिए महिलाओं ने ग्रहण की खीर

सूनी गोद को भरने के लिए महिलाओं ने ग्रहण की खीर

रतलाम। नि:संतान लोगों के लिए बिलपांक का मंदिर आस्था केंद्र बना हुआ है। धराड़ के महाकाल मंदिर व बिलपांक स्थित विरुपाक्ष महादेव मंदिर पर एक सप्ताह से चल रहे 77वें महारुद्र यज्ञ व तीन दिवसीय मेले का समापन रविवार को हुआ। इस दौरान करीब एक लाख से अधिक भक्तों ने पांच दिनों में मंदिर पहुंचकर दर्शन किए। रविवार को करीब ७५ हजार से अधिक नि:संतान महिलाओं को खीर की प्रसादी मंदिरों में वितरीत की गई। माना जाता है यहां से कई सूनी गोद भर जाती है।

बिलपांक के मंदिर में दर्शन करने सुबह से रात तक दूर - दूर से आने वाले भक्तों की भीड़ रही। मंदिर पर सुबह 10 बजे गांव में गंगाजल कलश यात्रा निकाली गई, तो दूसरी तरफ यहां शनिवार रात से ही निसंतान महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए मिलने वाली खीर ग्रहण करने पहुंच चुकी थी। रविवार को 5 दिवसीय यज्ञ पूर्णाहुति के बाद सुबह 11 बजे से खीर प्रसादी का वितरण शुरू हुआ। दोपहर 2 बजे तक करीब 75 हजार निसंतान महिलाओं ने मंदिर पांडाल में 2 क्विंटल दूध व चावल से बनी खीर ग्रहण की। संजय पाटीदार ने बताया कि बिलपांक में 3 दिन पहले इलाहाबाद, उदयपुर, झाबुआ, इंदौर, अजमेर व महाराष्ट्र तक से भक्त आए थे।

आरती के बाद हुआ भंडारा
धराड़ के प्राचीन महाकाल मंदिर पर चल रहे 7 दिवसीय 48 वे पंच कुण्डात्मक महारुद्र यज्ञ के समापन अवसर पर रविवार सुबह 11 बजे मंदिर परिसर से गांव भृमण से होकर गंगाजल कलश यात्रा निकाली गई। शाम चार बजे 7 दिवसीय पंच कुण्डात्मक महारुद्र यज्ञ की पूर्णाहुति हुई। महाकाल मंदिर परिसर में सुबह 11 बजे से दिन भर बाबा महाकाल के दर्शन करने आने वाले भक्तों की भीड़ लग गई। शाम 5 बजे बाबा महाकाल की आरती की गई तथा महाभन्डारे का आयोजन किया गया। 7 दिनों तक मुख्य यज्ञकुंड से पककर तैयार की हुई खीर नि:संतान महिलाओं को वितरीत की गई।