खरे ने का कहना है कि वेतन समय पर नहीं मिलता है तो अस्पताल के बाद जिला स्तर पर काम बंद किया जाएगा। सफाईकर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है, इसके सीधे-सीधे जिम्मेदार जिला अस्पताल के अधिकारी है। हड़ताल के दौरान अरुण चौहान, धर्मेंद्र बडग़ुर्जर, सागर पलोसिया, संगीता सिंधे, संगीता परिहार, इंदिराबाई, मायाबाई, सुनिता बाई, रविनाबाई आदि 30-40 कर्मचारी उपस्थित थे।
सफाईकर्मी अरुण ने बताया कि सुपरवाइजर कैलाश चौहान ने 15 दिसंबर को आवेदन लेकर सभी के हस्ताक्षर करवाकर सिविल सर्जन को दिया था, इसके बाद आश्वासन दिया था कि 20 को वेतन का भुगतान हो जाएगा, लेकिन नहीं किया। इसके बाद सिविल सर्जन से बात की गई, उन्होंने 27 दिसंबर को भुगतान करने का आश्वासन दिया था, लेकिन फिर भी नहीं हुआ, इसलिए अब काम बंद कर हड़ताल करना मजबूरी हो गई है। जब तक वेतन का भुगतान नहीं होता हड़ताल जारी रहेगी।