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– महा अष्टमी या महा नवमीं तिथि के दिन देर तक नहीं सोना चाहिए। इन दोनों ही दिनों में सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।
– अब माता रानी का विधि-विधान से पूजन करें।
– व्रत कर रहे हैं तो व्रत का संकल्प लें।
– महा अष्टमी और महा नवमी के दिन काले रंग के कपड़े न पहनें।
– महा अष्टमी के दिन लाल, पीले, गुलाबी, नारंगी रंग के कपड़े पहनना चाहिए।
– वहीं नवमी के दिन बैंगनी या जामुनी रंग पहनना शुभ माना गया है।
– हो सके तो पूजा के समय इन्हीं रंगों में से किसी एक रंग के कपड़े पहनें। लेकिन काला रंग भूलकर भी न पहनें।
– अष्टमी और नवमी के दिन पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशति का पाठ करें।
– इस दौरान ध्यान रखें कि आपका ध्यान इधर-उधर की बातों में न जाए, यानी आपको पूरे फोकस के साथ इसे पढऩा चाहिए।
– महा अष्टमी या फिर महानवमी के दिन हवन-पूजन जरूर करना चाहिए। बिना हवन-पूजन के नवरात्रि के पूजा-पाठ अधूरे ही माने जाते हैं।
– महा अष्टमी का व्रत कर रहे हैं, तो महा नवमी के दिन कन्या पूजन करें।
– महा नवमी पर 2 से 9 साल तक की कन्याओं को खीर-पूड़ी खिलाएं, अपने सामथ्र्य के मुताबिक कोई भी सामग्री भेंट दें।
इस दिन करेंगे काम तो नहीं होंगे सफल
– नवमी तिथि के दिन कोई भी नया काम नहीं करना चाहिए। इसे खाली तिथि माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन किए गए कार्यों में सफलता नहीं मिलती है।
– नवमी के दिन गलती से भी लौकी का सेवन नहीं करना चाहिए।
– महा अष्टमी का व्रत रखा है तो, हलवा-पूरी और चने खाकर इस व्रत का पारण करें।