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अचानक सामने आई एक ऐसी गुफा, जिसमें विद्यमान हैं स्वयं भगवान शंकर

गुफा 15 मीटर लंबी और 10 मीटर चौड़ी...

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mysterious cave found just like paatal bhuvneshwar during excavation

mysterious cave found just like paatal bhuvneshwar during excavation

देश में वैसे तो कई जगह अद्भुत गुफाएं मौजूद हैं, वहीं इनमें से कुछ गुफाएं ऐसी भी हैं, जहां हिन्दू धर्म की खासी आस्था है। इनमें से अमरनाथ गुफा, पाताल भुवनेश्वर की गुफा मुख्य हैं। वहीं देवभुमि उत्तराखंड में एक ओर अद्भुत गुफा मिली है,जिसे देखने वाला हर कोई हैरान रह गया।

जानकारी के अनुसार देवीभूमि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में कनालीछीना विकासखंड के खनपर गांव में मंदिर के सौंदर्यीकरण और चौड़ीकरण के दौरान की जा रही खुदाई में पिछले दिनों एक रहस्यमयी गुफा मिली है। यह गुफा 15 मीटर लंबी और 10 मीटर चौड़ी है। ऐसे में यहां काम कर रहे लोगों ने जब गुफा को अंदर से देखा तो उनकी आंखे खुली की खुली रह गई, कारण था स्वयं भगवान शंकर का यहां शिवलिंग के रूप में मौजूद होना।

पाताल भुवनेश्वर जैसी गुफा...
इस गुफा के भीतर शिवलिंग की आकृति का सफेद पत्थर, जलधारा समेत अनेक कलाकृतियां हैं। दूरदराज से लोग गुफा को देखने पहुंच रहे हैं। लोग हैरान हैं कि जमीन के अंदर ऐसी आकृतियां कहां से आई हैं।


यहां के निवासियों के अनुसार यह गुफा काफी हद तक पाताल भुवनेश्वर की जैसी दिखाई पड़ती है, ऐसे में इसका की पाताल भुवनेश्वर की तर्ज पर विकसित किया जा सकता है। इन लोगों ने पुरातत्व विभाग से गुफा का सर्वेक्षण करने की मांग की है।

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खनपर गांव के पास स्थित गुफा वाली माता के नाम से प्रसिद्ध मंदिर हैं। यहां पर धर्मशाला, सौंदर्यीकरण और आंगन का निर्माण किया जा रहा है। कुछ दिन पूर्व यहां पर पोकलैंड मशीन से चट्टानों को काटा जा रहा था।

पोकलैंड ऑपरेटर के अनुसार उन्हें पहाड़ी के अंदर छोटी सी गुफा दिखाई दी। निर्माण कार्य में लगे लोग गुफा के अंदर गए तो वहां श्वेत शिवलिंग, उसके ऊपर से टपकती जलधारा, जलकुंड, शंख और पहाड़ी में बनी तमाम कलाकृतियां नजर आईं।

बताया जाता है कि गुफा देखने पहुंच रहे लोगों की भीड़ को देखते हुए वहां कार्य रोक दिया गया है। गुफा की प्रवेश द्वार के पास ऊंचाई लगभग चार फीट और अंदर सात फीट है। गुफा को देखकर लोग कई तरह के कयास लगा रहे हैं।

वहीं अचानक मिली इस गुफा के संबंध में अल्मोड़ा के पुरातत्वविद सीसी चौहान का कहना है कि
यह प्राकृतिक गुफा है। गुफा के भीतर जो भी आकृतियां इस तरह बनी होती हैं वह चूने की होती हैं। जिस स्थान पर यह गुफा है, वह यातायात से जुड़ा हुआ है। ऐसे में पर्यटन की दृष्टि से यह बेहद फायदेमंद हो सकता है।