नए संवत्सर 2080 में कई ग्रह अपनी ही राशि में विराजमान हैं। इस बार तीस साल बाद शनि अपनी ही राशि कुंभ में विराजमान, राहु, शुक्र मेष राशि में, केतु तुला में, मंगल मिथुन राशि में, सूर्य, बुध, गुरु मीन राशि में रहेंगे। इस नव संवत्सर पर 12 वर्ष बाद गुरु मीन राशि में होंगे। सूर्य, गुरु और बुध के बाद चंद्रमा भी बुधवार को इस राशि में आ जाएंगे। ऐसे में ग्रहों की युति से कई शुभ संयोग बन रहे हैं। दुर्लभ महासंयोग बन रहे हैं। ग्रहों का ये संयोग और महासंयोग इस नए साल में धनु, तुला, सिंह, मिथुन राशि वाले लोगों के लिए खुशखबरी लाने वाला साल साबित होगा।
इस बार अधिमास है यह नववर्ष
यह नव संवत्सर इस बार अधिमास वाला रहेगा। इस बार साल में 12 नहीं बल्कि 13 महीने आएंगे। चैत्र माह (22 मार्च-6 अप्रैल), वैशाख- (7 अप्रैल- 5मई), ज्येष्ठ-(6 मई-4 जून ), आषाढ़-(5 जून-3 जुलाई ), श्रावण माह-(4 जुलाई-31 अगस्त )(अधिक मास होने के कारण सावन का महीना इस बार 60 दिन का रहेगा)। भाद्रपद-(1 सितंबर- 29 सितंबर), आश्विन-(30 सितंबर-28 अक्टूबर), कार्तिक-(29 अक्टूबर-27 नवंबर), मार्गशीर्ष-(28 नवंबर-26 दिसंबर), पौष-(27 दिसंबर 2023-25 जनवरी 2024), माघ-(26 जनवरी-24 फरवरी), फाल्गुन- (25 फरवरी- 25 मार्च 2024)
इस बार नौका पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा
चैत्र नवरात्रि पर इस साल मां दुर्गा नौका पर सवार होकर पृथ्वी लोक में भ्रमण करेंगी। जब भी बुधवार से नवरात्रि की शुरुआत होती है, तो मां दुर्गा पृथ्वी पर नौका पर सवार होकर ही आती हैं। दिन के अनुसार मां की सवारी का निर्धारण किया जाता है।
– घट स्थापना का समय: 22 मार्च सुबह 6 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 32 मिनट पर।
समयावधि रहेगी 1 घंटा 9 मिनट तक। – यहां देखें चैत्र नवरात्रि 2023 का कैलेंडर
– 24 मार्च- नवरात्रि का तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा की पूजा का दिन।
– 27 मार्च-नवरात्रि का छठा दिन- मां कात्यायनी की पूजा का दिन।
इस बार अष्टमी तिथि 29 मार्च की शाम 7 बजकर 2 मिनट से रात 9 बजकर 7 मिनट तक रहेगी। – उदयातिथि 29 को अष्टमी होगी। इस दिन शोभन व रवि योग बन रहा है।