शनिवार दोपहर कलेक्टर कार्यालय में स्टाफ के साथ पहुंचे कर्नल ने आवेदन देकर बताया कि महाविद्यालय परिसर में ही घोड़ों के लिए प्रतिदिन अधिक मात्रा में पानी की आश्वयकता पड़ती है। छात्रावास के अंदर से ही जवानों के लिए पेयजल की व्यवस्था की गई है। संक्रमित रोगियों का केन्द्र बना दिए जाने से जवान संक्रमण फैलने को लेकर भयभीत हैं। एनसीसी कर्मचारियों के साथ-साथ घोड़े के लिए भी सेंटर खतरा सबित हो सकता है। कर्नल ने सेंटर को निरस्त करने की मांग करते हुए निरीक्षण करने की मांग की है। इस दौरान नायब सूबेदार कृशन कुमार, हवलदार सुरेन्द्र पटेल सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहे।
महाविद्यालय परिसर में कोविड-19 सेंटर बनाए जाने से आर्मी यूनिट के कर्नल केबी मृत्युजंय कलेक्टर से मिलने के लिए कार्यालय पहुंचे । कलेक्टर ने मलने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि वह अभी वह व्यस्त हैं। बाद में अपर कलेक्टर इला तिवारी से मिलकर आवेदन दिया। आवेदन देकर बताया कि घोड़े व जवानों पर भी संक्रमण का खतरा हो सकता है। अपर कलेक्टर ने आश्वासन दिया है।
महाविद्यालय से बैरंग लौटी कलेक्टर की टीम
पशुचिकित्सा एवं पशु पालन विज्ञान महाविद्यालय को कलेक्टर कोविड-19 सेंटर घोषित करने के बाद शनिवार को कलेक्टर की टीम भवन को हैंडओवर कराने के लिए पहुंची। टीम में पशु चिकित्सा विभाग क्षेत्रीय कार्यालय के डॉ राजेश मिश्रा, डॉ आशुतोष बघेल आदि पहुंचे थे। जानकारी होने से ही महाविद्यालय के प्राध्यापक, छात्र और छात्राओं को इसकी जानकारी हुई कि सभी विरोध के लिए खड़े हो गए। डीन ने महाविद्यालय की परीक्षा आदि की शेड्यूल की जानकारी देते हुए भवन देने से इंकार कर दिया।