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वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट: बिजली उत्पादन से पहले कचरे से बनाई जाएगी खाद, प्लांट लगाने के लिए मिली सहमति

संभाग के 28 नगरीय निकायों का कचरा लाया जाएगा

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Compost will be made from waste before power generation

रीवा. शहर के कचरे से बिजली बनाए जाने के लिए पहडिय़ा में लगाए जा रहे प्लांट में जब तक बिजली उत्पादन का कार्य प्रारंभ नहीं होता तब तक कचरे से खाद बनाने की अनुमति मिल गई है। नगर निगम ने इसके लिए शासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र भेजकर अनुमति मांगी थी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति मिल गई है। बोर्ड की ओर से नगर निगम के पास आए पत्र के बाद नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रीवा के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से पहडिय़ा का भ्रमण किया और वहां की वर्तमान व्यवस्था को देखा। नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त सभाजीत यादव ने 12 मार्च को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल को पत्र लिखकर कहा था कि रीवा, सतना और सीधी जिले का यह क्लस्टर प्रोजेक्ट है।

बनेगी छह मेगावॉट बिजली
जहां पर 350 टन हर दिन कचरे का निष्पादन होगा। इस कचरे से छह मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। बिजली उत्पादन प्रारंभ होने से पहले शहरों के कचरे को पहडिय़ा में डंप किया जाए, इसकी मांग लंबे समय से की जा रही है। कोष्टा में वर्तमान में जहां पर कचरा डंपिंग यार्ड है, स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। इस कारण नगर निगम के प्रशासक डॉ. अशोक भार्गव ने भी भोपाल में अधिकारियों से फोन पर भी कई बार चर्चा की और कहा कि जो तकनीकी अड़चनें रह गई हैं, उनकी जल्द अनुमति दी जाए ताकि दूसरे शहरों का भी कचरा पहडिय़ा में आने लगे। नगर निगम आयुक्त के पास आए वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट के पहडिय़ा प्लांट में कंपोस्ट प्लंाट लगाने की अनुमति में कहा गया है कि 300 टन प्रतिदिन क्षमता वाला प्लांट लगाया जा सकता है। इसके संचालन से पहले बोर्ड से कंसेंट टू आपरेट का प्रमाण पत्र लेना होगा।

दो महीने के भीतर प्लांट लगाएगी कंपनी
क्लस्टर प्रोजेक्ट का ठेका रीवा एमएसडब्ल्यू होल्डिंग कंपनी को मिला है।कंपनी ने कहा है कि वह दो महीने के भीतर ट्रमल मशीन लगाएगी। पहले तैयारी थी कि कोष्टा प्लांट की मशीन को ही सुधारा जाए लेकिन अब तय किया गया है कि कंपनी अपना अलग प्लांट लगाएगी।

6.39 रुपए की दर से होगी बिजली की खरीदी
कचरे से बनाई जाने वाली बिजली की खरीदी के लिए पहले ही सहमति मिल चुकी है। जिसमें तय किया गया है कि ६.३९ रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी जाएगी। बिजली प्लांट में उत्पादन प्रारंभ करने से पहले रीवा एमएसडब्ल्यू होल्डिंग कंपनी, ऊर्जा विकास निगम और नगर निगम के बीच अनुबंध किया जाएगा। इसकी फाइल बीते साल के नवंबर महीने से भोपाल में लंबित है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस पर भी कोई निर्णय लिया जाएगा।

अधिकारियों ने किया भ्रमण
पहडिय़ा में प्लांट स्थल का भ्रमण करने नगर निगम के कार्यपालन यंत्री एसके चतुर्वेदी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी आरएस परिहार, निगम के एसके गर्ग, अमरीश सिंह, बोर्ड के एमपी तिवारी, ठेका कंपनी के राजीव गुप्ता सहित अन्य मौजूद रहे। अधिकारियों की ओर से कचरे से खाद का प्लांट लगाने के लिए स्थान भी निश्चि किया गया है। इस प्लांट में रीवा, सतना और सीधी जिले के २८ नगरीय निकायों का कचरा लाया जाएगा।