– तीन नाम पहले से शामिल
राज्य सरकार की ओर से जिन 26 बांधों का नाम द्वितीय चरण में शामिल करने के लिए भेजा गया था, उसमें गंगा कछार रीवा क्षेत्र के तीन बांधों का नाम पहले ही भेजा गया था। जिसमें सीधी के बिरनाई एवं शेर के साथ ही सिंगरौली के काचन डेम का नाम शामिल था। अब फिर से गंगा कछार के मुख्य अभियंता द्वारा योजना में शामिल करने के लिए बांधों का नाम भेजा जाना है। बताया जा रहा है कि इसमें रीवा जिले के तीन बांध शामिल हो सकते हैं, हालांकि अभी तक बांधों का नाम तय नहीं किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि निर्धारित मापदंडों के परीक्षण के बाद ही नाम भेजे जाएंगे।
सरकारी कर्मचारियों की वेतन विसंगति और उनकी मांगों को लेकर हर विभाग में मामले कोर्ट में चल रहे हैं लेकिन कुछ विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के चलते अवमानना के भी प्रकरण बन रहे हैं। ऐसे में जलसंसाधन विभाग ने अधिकारियों से सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है और कहा है कि इस तरह के कोर्ट मामलों की पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। गंगा कछार के मुख्य अभियंता के पास आए पत्र में कहा गया है कि कार्यभारित समयपाल एवं प्रोगे्रसमैन द्वारा वेतन विसंगतियों को लेकर मामले कोर्ट में दायर किए गए हैं। इसमें गंगा कछार क्षेत्र के भी कई कर्मचारी शामिल हैं। पूर्व में कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं होने के चलते अवमानना का प्रकरण दायर किया गया है, जिसमें विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष पेश होना होगा। अब आगे से इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए कहा गया है कि मुख्य अभियंता सभी प्रभारी अधिकारियों को निर्देशित करें कि वे शासकीय अधिवक्ता से संपर्क कर कोर्ट में विभाग का पक्ष प्रस्तुत कराएं। बताया जा रहा है कि विधि विभाग द्वारा कोर्ट में रिट अपील इस संबंध में प्रस्तुत की जानी है। इसलिए विभाग से जुड़े ऐसे प्रकरणों की जानकारी मांगी गई है।