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समधी बचाने पहुंचा तो उसे भी मारी गोली
एसडीओ सुरेश मिश्रा के द्वारा घर में ही पत्नी और बहू को बंधक बनाए जाने की खबर गुरुवार की सुबह जब बहू ने अपने पिता श्रीनिवास तिवारी को दी तो वो भागते हुए बेटी के घर पहुंचे लेकिन एसडीओ सुरेश मिश्रा ने घर का दरवाजा नहीं खोला। जिसके बाद श्रीनिवास तिवारी समान थाने पहुंचे और पुलिस को पूरी घटना बताई। पुलिस के साथ जब श्रीनिवास तिवारी फिर से एसडीओ के घर पहुंचे तो पहले तो एसडीओ ने उन्हें गोली मारने की धमकी देते हुए घर से भागने के लिए कहा। जब श्रीनिवास घर से नहीं गए तो एसडीओ सुरेश मिश्रा ने लाइसेंसी बंदूक से उन पर तीन फायर किए जिसमें से एक गोली श्रीनिवास के पैर में लगी और वो खून से लथपथ होकर गिर पड़े। यह देखकर पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देते हुए घायल श्रीनिवास को अस्पताल पहुंचाया।
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जान पर खेलकर पुलिस ने बचाई दोनों महिलाओं की जान
सनकी एसडीओ के पत्नी और बहू को घर में बंधक बनाने और अंधाधुंध फायरिंग करने की खबर लगते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस बल मौके पर पहुंचा। कुछ ही देर में एसडीओ के घर के आसपास का इलाका छावनी में तब्दील हो गया। पहले तो पुलिस ने एसडीओ को मनाने की कोशिश की लेकिन जब एसडीओ ने घर का दरवाजा नहीं खोला और फायरिंग करता रहा तो पुलिस ने महिलाओं का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु किया। करीब पांच घंटे बाद पुलिस दरवाजा तोड़कर कमरे के अंदर घुस गई और आरोपी को काबू कर लिया। पुलिस ने उनकी लाइसेंसी बंदूक भी बरामद कर ली है। उन्हें तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया गया है।
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बेहद समझदारी से ऑपरेशन को दिया अंजाम
आरोपी को पकडऩे के लिए पुलिस ने बेहद समझदारी से रेसक्यू आपरेशन चलाया। बिछिया थाना प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर, आरक्षक आरडी पटेल पड़ोस के घर से कूदकर उनके घर तक पहुंच गए। वे पहले उनसे बाहर निकलने की अपील कर रहे थे लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आ रहा था। अचानक पुलिस ने पैर से दरवाजा तोड़ा और धड़धड़ाते हुए अंदर घुस गई। कमरे के अंदर एसडीओ अर्द्धनग्न हालत में बैठे हुए थे जिनको पकड़कर पुलिस बाहर ले आई।
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