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हाईकोर्ट ने पूछा, घटना से पहले खबर कैसे प्रकाशित हो गई, डीजीपी और एसपी को नोटिस

पुलिस ने करीब एक वर्ष पहले गांजा पकडऩे की कार्रवाई की थी, एफआइआर की टाइमिंग पर हाइकोर्ट ने मांगी जानकारी

रीवाJan 23, 2019 / 02:25 am

Manoj singh Chouhan

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रीवा. गोविंदगढ़ थाने की पुलिस ने करीब एक वर्ष पहले ८ जनवरी को गांजा पकडऩे की कार्रवाई की गई थी। यह खबर रीवा के स्थानीय अखबारों में प्रकाशित हुई, उसके बाद पुलिस ने जो एफआइआर दर्ज की, उसमें खबर प्रकाशित होने के बाद का समय डाला।
अधिवक्ता प्रमोद पाण्डेय एवं अनुज त्रिपाठी ने बताया कि गोविंदगढ़ पुलिस ने 8 जनवरी 2018 को बांसा गांव में एक जीप से 1.18 क्विंटल गांजा जब्त करने का दावा किया था। इसकी एफआइआर दोपहर 2.30 बजे दर्ज की, जिसमें बताया कि सुबह 8 से 11 बजे के बीच यह कार्रवाई की गई है, जिसमें विष्णुकांत द्विवेदी एवं दिलीप सिंह नाम के युवकों को पकड़ा गया था। बादल सिंह, पवन जायसवाल एवं शिवेन्द्र सिंह आदि के फरार होने की जानकारी दी गई थी।
मामले में जिला न्यायालय ने जमानत देने से इंकार किया तो आरोपियों की ओर से हाईकोर्ट में अपील की गई, जहां दलील दी गई कि घटना प्रायोजित है, आठ जनवरी के अखबारों में सुबह ही इस घटना की जानकारी प्रकाशित हो गई थी। सामान्य तौर पर एक दिन पूर्व की घटनाएं छपती हैं। यहां अखबार में छपने के बाद की घटना पुलिस बता रही है। ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली को संदिग्ध बताया गया। न्यायाधीश बीके श्रीवास्तव की कोर्ट ने आरोपियों को जमानत देते हुए डीजीपी एवं एसपी को पत्र लिखकर घटना की जांच कराने के लिए कहा है। उन पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज कराए जाएंगे जिन्होंने एफआइआर दर्ज कराया था।
तालाब में 106 लोगों ने किया कब्जा, कोर्ट ने दिया कार्रवाई का निर्देश
चार गांवों के बीच स्थित तालाब की मेढ़ पर किए गए अतिक्रमण पर हाइ कोर्ट ने संज्ञान लिया है। कहा है कि जिला प्रशासन तालाब के रक्षण और संरक्षण के प्रति जवाबदेह है, इसकी व्यवस्था बनाए। पूर्व में की गई शिकायतों की अनदेखी के चलते पैपखार के निवासी रामसखा द्विवेदी ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा कि फूलबजरंग सिंह, बरांव, फूलहरचंद सिंह, पैपखार गांवों के बीच एक ही तालाब है। करीब पांच हेक्टेयर में फैले इस तालाब की मेढ़ पर लोगों ने झोपड़ी बनाकर कब्जा कर लिया है।
तहसीलदार के निर्देश पर पटवारी ने प्रतिवेदन दिया था कि 106 अतिक्रमणकारी हैं जो तालाब को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बीते अगस्त में यह रिपोर्ट सौंपी गई थी लेकिन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की गई। कोर्ट ने कहा है कि प्रशासन का दायिवत्व है कि वह तालाब की सुरक्षा के लिए व्यवस्था बनाए। अतिक्रमण पर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए कलेक्टर, एसडीएम मऊगंज एवं तहसीलदार को नोटिस जारी की है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि उक्त तालाब के संरक्षण के लिए योजना बनाएं और भविष्य में कोई अतिक्रमण नहीं हो, इसके व्यवस्था बनाएं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा एवं चंद्रिकाप्रसाद द्विवेदी ने पैरवी की। बताया गया कि इस निर्देश के साथ ही कोर्ट ने याचिका को निराकृत भी कर दिया है।

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