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640 वर्ष पुराने काकागंज मंदिर को मिल रहा नया रूप, स्वर्णिम वेदी में कमल पर विराजमान होंगे भगवान आदिनाथ

मंदिर में नवीन वेदियों का चल रहा निर्माण, पत्थरों में की जा रही है नक्काशी

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सागर

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Atul Sharma

Dec 13, 2020

640-year-old Kakaganj temple getting new look, Lord Adinath will be seated on lotus in golden altar

640-year-old Kakaganj temple getting new look, Lord Adinath will be seated on lotus in golden altar

सागर. काकागंज के आदिबाबा निशदिन दर्शन दइयो...। ये भावना जैन समाज के लोगों में रहती है। काकागंज मंदिर मुख्य रूप से 1008 श्री आदिनाथ भगवान के अतिशय के लिए जाना जाता है। कहते हैं सच्चे मन से प्रार्थना करो तो यहां प्रत्येक मनोकामना पूर्ण होती हैं। हर रविवार को दर्शनार्थियों का मेला लगा रहता है। 640 वर्ष प्राचीन इस मंदिर में वेदियों की नवीन स्थापना की जा रही है। मंदिर का जीणोद्धार किया जा रहा है। स्वर्णवेदियों में बने सिंहासन पर भगवान को विराजमान किया जा रहा है। रजास्थान के कलाकार मंदिर को नया रूप में देने में जुटे हुए हैं। काकागंज मंदिर में प्रथम वेदी पर भगवन आदिनाथ मूलनायक है। साथ में पाश्र्वनाथ भगवान और मुनीसुव्रत विराजमान हैं। दूसरी वेदी पर मूलनायक चंद्र प्रभु विराजमान थे, इस वेदी का पुनर्निर्माण हो चुका है और तीसरी वेदी पर मूल नायक महावीर स्वामी विराजमान हैं। इस वेदी का पुनर्निर्माण कर स्वर्णिम वेदी पर रजत चौबीसी प्रतिष्ठित की गयी है।

भगवान आदिनाथ भी स्वर्णिम वेदी पर होंगे विराजमान

मंदिर के जीणोद्धार कार्य तेजी से चल रहा है। दो वेदी का निर्माण हो गया है। मंदिर कमेटी के दयाचंद जैन ने बताया कि वेदियों में सोने का वर्क चढ़ाया जा रहा है। जगह के अनुसार शिखर जी की वंदना, गिनारजी और चौबीस तिर्थंकर के चित्र पत्थर पर कारीगरों ने उकेरे हैं। मार्बल पर चित्र बनाने के बाद दिवारों पर सेट किया जा रहा है। तीसरी वेदी का निर्माण पूर्ण होने पर मूलनायक भगवान आदिनाथ की प्रथम वेदी बनेगी। मंदिर अधिक प्राचीन होने से दीवारें खराब होने लगी थीं, इसलिए नए रूप में जीर्णोद्धार हो रहा है। मूलनायक भगवान आदिनाथ जी को कमल पर विराजमान करने की तैयारी है। भगवान के लिए सिंहासन पर विराजमान किया जाएगा।

राजस्थान के कारीगर कर रहे हैं नक्काशी

दयाचंद ने बताया कि मंदिर को सुंदर रूप देने में राजस्थान के कारीगर जुटे हुए हैं। श्रद्धालुओं द्वारा दिए जा रहे दान से मंदिर का निर्माण हो रहा है। सोने का वर्क जयपुर के कारीगर कर रहे हैं, मकराना से आए कलाकार पत्थर में विभिन्न आकृति उकेर रहे हैं।