scriptभीमकुंड में बदबूदार पानी, मछलियां उतरातीं मिलीं | Bheemkund gets stinking water, fish | Patrika News
सागर

भीमकुंड में बदबूदार पानी, मछलियां उतरातीं मिलीं

कभी भीमकुंड नाम से था प्रसिद्ध, धीरे-धीरे जलप्रपात के नाम से हुई पहचान, पानी घटा तो दिखे कई नजारे

सागरMay 23, 2019 / 01:12 am

vishnu soni

Bheemkund gets stinking water, fish

भीमकुंड में बदबूदार पानी, मछलियां उतरातीं मिलीं

राहतगढ़. भीमकुंड जिसको वाटरफॉल नाम से प्रसिद्धि मिली, पहले यह भीमकुंड कहलाता था। लोग 12 महीने यहां पूजा अर्चना कर प्रसाद भी चढ़ाने आते रहते हैं। भीमकुंड में मात्र कुछ ही पानी शेष बचा है क्योंकि उस पानी को जल संकट से जूझ रहे नगर वासियों की उपयोगिता के लिए नगरपरिषद ने इंजनों द्वारा बनेनी घाट पर स्टॉक कर लिया था। अब शेष पानी की स्थिति यह है कि उसमें बदबू आने लगी है और मछलियों का मरना भी प्रारंभ हो गया है। पानी कि सतह पर हजारों मछलियां मरी पडी दिखाई दे रही हैं साथ ही कुछ मछली मारने वालों ने भी वहां पर कुछ रसायन डाल दिया है जिससे मछली भी मर गई हैं। इस ओर न प्रशासन ध्यान दे रहा है न वन विभाग के जिम्मेदार कार्रवाई कर रहे है। लोगों का कहना है कि अगर उस कुंड में कुछ मछलियां बची रहती तो आने वाली बारिश में उन मछलियों के बीज अंडे एकत्रित हो जाते लेकिन अब इस स्थिति में मछली का बीज भी नहीं हो पाएगा।
जल प्रदाय विभाग के राजेश खटीक का कहना है कि नगर परिषद ने वाटरफॉल से इंजन उठा लिए हैं। जब तक पानी लिया जा रहा था तो मशीन की देखरेख के लिए यहां नगरपालिका ने कर्मचारी तैनात किया था। यह क्षेत्र अब वन विभाग के अधीन है।
भीमसेन की मूर्ति है, पांडव कालीन युद्ध की निशानी भी हैं
बुजुर्ग इसे पहले भीमकुंड के नाम से जानते थे। भीमकुंड नाम के पीछे भी अनेक किदवंती जुड़ीं हैं। यहां महाभारत काल में पांडव अज्ञातवास में रहे हैं और दानवों से लड़ाई भी हुई है जिनके पदचिन्ह भी हैं। भीम के पैर, घुटना व शरीर के निशान पत्थरों पर आज भी अमिट हैं। अभी भी वाटरफॉल (भीमकुंड) के बीचोंबीच नदी में भीमसेन की मूर्ति विराजमान है। बुजुर्गों का कहना है कि यह प्रतिमा सदियों से बीच नदी की धार में विराजमान है। नदी का बहाव कितना भी तेज हो जाए लेकिन यह भीमसेन की मूर्ति अभी भी यथावत है।

Home / Sagar / भीमकुंड में बदबूदार पानी, मछलियां उतरातीं मिलीं

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो