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जिला अस्पताल में बीएमसी शुरू करेगा ४०० बेड, पीजी छात्रों के लिए परिसर में बनेंगे हॉस्टल

-प्रमुख सचिव और स्वास्थ्य सचिव ने समीक्षा बैठक में कही थी जिला अस्पताल को शिफ्ट किए जाने की बात

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सागर

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Aakash Tiwari

Aug 31, 2019

सागर. जिला अस्पताल वर्ष २०१७ के बाद से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। तत्कालीन कमिश्नर डॉ. मनोहर अगनानी द्वारा लागू किए गए मर्जर के बाद से जहां एक तरफ यहां मरीजों की संख्या कम हुई। वहीं, मर्जर समाप्त होने के बाद भी यह अस्पताल वापस अपने स्वरूप में लौट नहीं सका है। आलम यह है कि इस साल दो बार इस अस्पताल को अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। छह महीने पहले राजस्व मंत्री के निर्देश पर अस्पताल को कहीं और शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। हालांकि थोड़े दिन बाद मामला ठंडा पड़ गया था। गुरुवार को संभागीय समीक्षा बैठक लेने आए मुख्य सचिव एसआर मोहंती और स्वास्थ्य सचिव पल्लवी जैन ने अब इसे दूसरी जगह शिफ्ट करने की बात पर अपनी मोहर लगा दी है।

-२५० सीटों के लिए करेगा बीएमसी आवेदन

बीएमसी अभी ७५० बिस्तर वाला अस्पताल है। २५० सीटों के लिए उसे बेड संख्या ११०० करनी होगी। जिला अस्पताल का भवन मिलने से प्रबंधन ११०० बेड शुरू कर सकता है। एमसीआई का नियम भी यही कहता है। बता दें कि यदि बीएमसी को यह भवन मिल जाता है तो प्रबंधन यहां को ४०० बिस्तर का अस्पताल शुरू में कोई दिक्कत नहीं आएगी। यहां पर वार्ड तैयार हैं और यह अस्पताल भी ३०० बेड का है। डीन डॉ. जीएस पटेल के अनुसार उन्हें इस विषय में अभी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन यदि एेसा होता है तो वे सीटें बढ़ाने के लिए आवेदन करेंगे।
-आदेश मिले तो टेकओवर कर लेगा बीएमसी

जमीन चिंहित होने और इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार होने में दो से तीन वर्ष का वक्त लग सकता है। शासन यदि इस संबंध में अभी निर्णय लेते हुए बीएमसी को इसके संचालन की जिम्मेदारी सौंपता है तो बीएमसी तुरंत इसे टेकओवर कर लेगा। बता दें कि अभी यहां पर हड्डी, सर्जरी, पीडिया जैसे विभाग डॉक्टरों की कमी के कारण बेहतर स्थिति में नहीं है। प्रबंधन अपने विभाग को यहां शिफ्ट कर इनका बेहतर तरीके से संचालन कर सकता है। जिला अस्पताल की बिल्डिंग तैयार होने के बाद यहां का स्टाफ भी वहां भेज दिया जाएगा। लेकिन तब तक संयुक्त रूप से दोनों संस्थाएं अपना काम करेंगी।

-पीजी विद्यार्थियों के लिए बनेगा हॉस्टल
जिला अस्पताल के काफी जगह खाली पड़ी हुई है। बीएमसी में पीजी की सीटें मिलना भी शुरू हो गई है। नए सत्र में प्रवेश भी शुरू हो जाएंगे। एेसे में इन विद्यार्थियों के रहने के लिए हॉस्टल की दरकार बनी हुई है। शासन यदि मंजूरी दे देता है तो हॉस्टल निर्माण का काम भी प्रबंधन शुरू कर सकता है। वही, बीएससी नर्सिंग के लिए भी यहां हॉस्टल बनाया जा सकता है।

मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। शासन स्तर से यदि इसकी मंजूरी मिलती है तो बीएमसी के लिए यह फायदेमंद रहेगा। हम यहां ४०० बेड शुरू कर सकते हैं और हॉस्टल आदि का निर्माण भी करा सकते हैं।