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-गौर जयंती पर तीन बत्ती पर कुलपति ने लिया निर्णय, तैयार हो चुका खाका
बुंदेलखंड के बुद्धिजीवियों के सुझाव को विजन प्लान में रखकर सर गौर के सपने को किया जाएगा पूरा
सर गौर की १४९वीं जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई
सागर. सर हरिसिंह गौर का १५० वां जन्म वर्ष शुरू हो गया है। इस बार विवि प्रशासन सर गौर का साल भर जन्मोत्सव मनाएगा। हमने इसके लिए एक खाका तैयार किया गया है। इसमें एक बिंदु एेसा भी है, जिसमें सागर ही नहीं, बल्कि बुंदेलखंड के बुद्धिजीवियों के सुझाव लिए जाएंगे।
इसका उद्देश्य सर गौर के सपनों को साकार करना है। महत्वपूर्ण सुझावों को हम अपने विजन प्लान में शामिल करेंगे और उसे पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। विवि को बुलंदियों तक पहुंचाकर ही हम सर गौर को सच्ची श्रद्धांजलि दे पाएंगे। यह बात तीन बत्ती पर डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो. आरपी तिवारी ने गौर जयंती के उपलक्ष्य पर लोगों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि एक साल में विवि ने बहुत प्रगति की है, लेकिन प्रोटोकॉल है, जिसके कारण इस समय इस बारे में खुलकर नहीं बता सकते हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि वे प्रतिज्ञा लें कि सर गौर के मूल्यों को अपने जीवन में ढालें और उनका अनुसरण करें। ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले। इससे पूर्व कुलपति ने तीन बत्ती पर सर गौर की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया। मंचीय उद्बोधन के बाद शोभायात्रा की शुरुआत हुई।
कटरा स्थित गौर अध्ययन केंद्र पर कुलपति प्रो. आरपी तिवारी, रजिस्ट्रार कर्नल राकेश मोहन जोशी, प्रोक्टर प्रो. आशीष
वर्मा, संयोजक डॉ. प्रदीप
तिवारी, डॉ. सुरेंद्र गादेवार, प्रो. एपी दुबे ने सर गौर की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की। यहां से शोभायात्रा गौर जन्म स्थल पर भी गई, जहां कुलपति सहित
प्रमुख अधिकारियों ने सर गौर को नमन किया। विवि परिसर में भी मंचीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां कुलपति प्रो. तिवारी का कार्यक्रम संयोजक डॉ. प्रदीप तिवारी, एडी शर्मा व कर्मचारी संघ अध्यक्ष संदीप बाल्मिकी द्वारा साल श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। कुलसचिव कर्नल रोकेश मोहन जोशी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत
किया गया।
बैंडबाजों की धुन पर थिरके घोड़े
गौर जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा आकर्षण का केंद्र रही। पिछले साल की तुलना में बैंड बाजों की संख्या ज्यादा थी। वहीं इस बार घोड़ों को भी शामिल किया गया था। बैंड की आवाज पर घोड़े थिरकते हुए दिखाई दिए। सर गौर की जयंती को हर्षोल्लास से मनाने के लिए बीटीआई, बीटीआइआरटी के प्रबंधकों के साथ बड़ी संख्या में विद्यार्थी भी शोभायात्रा में शामिल हुए थे। वहीं, विवि प्रशासन के शिक्षक और छात्रों ने भी इसमें हिस्सा लिया था।
इनको मिला गोल्ड मेडल: कार्यक्रम के दौरान कुलपति ने सराहनीय कार्य करने वालों को गोल्ड मेडल और पुरुस्कार से सम्मानित किया। इनमें शैलेश तिवारी, मुस्कान केशरवानी, शिवानी खरे, लखन लोधी, शेफाली अहुजा, सूर्या केशरी, मुस्कान केशरवानी, महेन्द्र कुमार जयसवाल, सचिन साहू,अनुश्रुति मिश्रा, रविन्द्र कुमार पंथ सहित अन्य शामिल हैं।
समय समाचार पत्र का लोकार्पण
पत्रकारिता विभाग से प्रकाशित समाचार पत्र समय का लोकार्पण हुआ। इसमें विभागध्यक्ष डॉ. ललित मोहन, डॉ. अलीम अहमद खान, डॉ. विवेक जयसवाल व विभाग के विद्यार्थियों के सहयोग था। कुलपति ने इतिहास विभाग के बीके श्रीवास्?तव द्वारा लिखित पुस्तक बादलो में उड़ती घूप का विमोचन। इस दौरान मध्य भारती शोध पत्रिका विज्ञान का विमोचन, मध्यभारती शोध पत्रिका मानविकी व समाजविज्ञान की द्विभाषी का विमोचन, शोध पत्रिका अंक
74 का विमोचन किया गया।
मेडिकल कॉलेज में मनाई जयंती
बीएमसी में भी जयंती मनाई गई। डीन डॉ. जीएस पटेल की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में स्टाफ और विद्यार्थी शामिल हुए। डॉ. पटेल ने सर गौर को अद्वितीय प्रतिभा का धनी बताया और कहा कि एेसे लोग दुनिया में विरले ही होते हैं। लोगों को उनके समान बनना चाहिए। इस अवसर पर अधीक्षक डॉ. आरएस वर्मा, सहायक अधीक्षक डॉ. एसपी सिंह, डॉ. मनीष जैन, डॉ. राजेश जैन सहित समस्त स्टाफ उपस्थित था।
सर गौर को किया नमन
स्वामी विवेकानंद विवि के सभागार में सर गौर जयंती पर कुलाधिपति डॉ. अजय तिवारी ने कहा, उनके जीवन शैली को अपना पथ प्रदर्शक मनना कुलपति डॉ. राजेश दुबे ने कहा कि हर्ष का विषय है कि मै भी उसी विश्वविद्यालय का छात्र हूँ, जहाँ वर्तमान कर्ण कहे जाने वाले दान वीर डॉ. हरिसिंह गौर ने अपना शैक्षिक योगदान देकर सागर को शिक्षा की पृष्ठ भूमि से अंकित कर दिया। आपने बताया बुंदेलखण्ड में जन्म लिये तथा कैम्ब्रिज विवि में पढ़कर जिसने उसका प्रतिनिधित्व किया तथा जिसने बुिद्धज्म पर किताब लिखी रचनाकार सर गौर को विश्वविद्यालय परिवार अपने श्रद्धा सुमन प्रस्तुत करता है।
Published on:
27 Nov 2018 03:11 pm
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