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सामान्य ट्रेन की तुलना में लिया जा रहा डेढ़ गुना किराया, मजबूरी में यात्रा कर रहे लोग

यात्रियों की जेब पर भारी पड़ रहा स्पेशल ट्रेन का सफर, नहीं दिया जा रहा नियमित ट्रेन का दर्जा

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One and a half times the fare being charged compared to normal trains, people are travelling under compulsion

स्टेशन पर खड़ी ट्रेन

बीना. यात्रियों की सुविधा के लिए चलाई जा ही स्पेशल ट्रेन का जंक्शन पर स्टापेज दिया गया है, लेकिन अभी भी कई ट्रेन ऐसी हैं, जिनका स्टापेज नहीं मिला है। वहीं, कई स्पेशल ट्रेन जंक्शन पर रुकती हुई जाती है, जिसमें सामान्य ट्रेन की तुलना में डेढ़ से दोगुना तक किराया वसूल किया जाता है, जिससे यात्रियों को ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। लंबे समय से इनमें से कुछ ट्रेन जंक्शन पर रुक रही हैं, लेकिन उन्हें नियमित ट्रेन का दर्जा नहीं दिया जा रहा है।

नहीं की गईं कई ट्रेन नियमित
रेलवे, बलिया-दादर-बलिया के बीच में स्पेशल ट्रेन चला रही हैं, जो कोरोना काल के बाद से शुरू हुई थीं। नियमित रूप से चलने वाली इन ट्रेन में टिकट की बिक्री भी अच्छी है, जिससे इसे नियमित किया जा सकता है, लेकिन रेलवे इसे स्पेशल के रूप में चला रही है, जिसमें सामान्य ट्रेन की अपेक्षा स्पेशल ट्रेन में डेढ़ से दोगुना तक किराया वसूला जा रहा है। मजबूरी में लोग इस ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं। इस ट्रेन में बीना से छतरपुर तक का सामान्य ट्रेन के स्पीलर कोच में 145 रुपए किराया है, जबकि स्पेशल के रूप में चल रही दादर-बलिया एक्सप्रेस में स्लीपर कोच का किराया 385 रुपए है। इस ट्रेन में 240 रुपए ज्यादा यात्रियों से वसूल किए जा रहे हैं। इसी प्रकार सूबेदार स्पेशल ट्रेन, देहरादून स्पेशल एक्सप्रेस, योगनगरी-ऋषिकेश, कटिहार स्पेशल एक्सप्रेस, दरभंगा क्लोन ट्रेन, गोरखपुर स्पेशल एक्सप्रेस, बरौनी स्पेशल एक्सप्रेस में ज्यादा किराया वसूल किया जा रहा है, जिसमें बीना से इटारसी तक सामान्य ट्रेन में किराया 210 रुपए, तो स्पेशल ट्रेन में इटारसी तक का किराया 415 रुपए वसूला जा रहा है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि स्पेशल ट्रेन में तत्काल टिकट नहीं मिलता है, इसमें किसी भी समय टिकट बुक कराया जाए, उसमें तत्काल टिकट की राशि चुकानी पड़ती है।

स्पेशल जैसा कुछ नहीं
यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे स्पेशल ट्रेन चला रही है, जिनमें सुविधाएं सामान्य ट्रेन की तरह ही है, जबकि किराया 30 से 50 फीसदी तक अधिक है। ऐसे में स्पेशल ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों की जेब हल्की हो रही है। जंक्शन से हर दिन 35 से 40 स्पेशल ट्रेन निकल रही है, इनका किराया सामान्य ट्रेन के मुकाबले ज्यादा है, जबकि ट्रेन में स्पेशल जैसा कुछ भी नहीं है।

रेलवे बोर्ड तय करती है किराया
अक्सर स्पेशल ट्रेन शादियों और ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रेलवे स्पेशल व समर स्पेशल ट्रेन चलाती है, लेकिन इसका किराया रेलवे बोर्ड तय करता है और ट्रेन को नियमित करने का निर्णय भी उन्हीं को लेना पड़ता है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है, जिससे लोगों को अतिरिक्त किराया देकर यात्रा करनी पड़ रही है।