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31 मार्च से ट्रेन में ज्वलनशील पदार्थ ले जाने या धूम्रपान करने पर होगी जेल

आग लगने की घटनाओं के बाद रेलवे ने अपनाया सख्त रवैया

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सागर

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Anuj Hazari

Mar 24, 2021

Train from Mumbai

मुंबई से नई ट्रेन

बीना. ट्रेन में ज्वलनशील पदार्थ न ले जाने और धूम्रपान न करने रेलवे द्वारा यात्रियों को जागरूक किया जा रहा है। इसके बाद भी यदि 31 मार्च के बाद पकड़े गए तो केवल जुर्माना से काम नहीं चलेगा, बल्कि संबंधित व्यक्ति को जेल की हवा भी खानी पड़ेगी। रेलवे ने ऐसे लोगों पर कार्रवाई की तैयारी कर ली है। अब रेलवे की संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले और उनकी जान जोखिम में डालने वाले रेल यात्रियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है और उन्हें जेल तक जाना पड़ सकता है। रेलवे ने ट्रेन में धूम्रपान करने वाले रेल यात्रियों के खिलाफ एक बड़ी मुहिम की शुरुआत की है। यह अभियान ट्रेनों में ज्वलनशील पदार्थ लेकर चलने वाले लोगों के खिलाफ भी शुरू किया जा रहा है। अब ट्रेनों में या स्टेशन परिसरों में धूम्रपान करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करके मोटा जुर्माना भी वसूल किया जाएगा।
ट्रेनों में अब ऐसे यात्रियों की खैर नहीं
कई रेलवे जोन में ट्रेनों में आग लगने की घटनाओं को रेलवे ने बहुत ही गंभीरता से लिया है। इन घटनाओं की वजह से न सिर्फ रेलवे को करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है, बल्कि लोगों की जान भी जोखिम में पड़ी है। रेलवे ने जांच में पाया कि यह घटनाएं ट्रेनों में धूम्रपान करने या ज्वलनशील पदार्थों को लेकर चलने की वजह से हुई हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ रेलवे ने बड़ा अभियान शुरू किया है, यह अभियान 22 मार्च से ही शुरू किया जा चुका है।
सात दिन चलाया जाएगा अभियान
रेलवे ने सभी जोन को निर्देशित है कि इस अभियान की शुरुआत से पहले सात दिनों के लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे। इस दौरान रेलवे सभी लोगों को आग से बचाव को लेकर जानकारी देंगे, जिसमें कि धूम्रपान रोकने और ज्वलनशील पदार्थ लेकर चलने की सख्त मनाही होगी और इसके लिए सघन चेकिंग भी की जाएगी।
जोखिम में न पड़े किसी की जान
इस अभियान के तहत ट्रेनों और स्टेशन परिसरों में धूम्रपान करने वालों के खिलाफ रेलवे एक्ट और टोबैको एक्ट की धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है। सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट 2003 के अनुसार इस कार्रवाई के लिए टीसी या ऑपरेटिंग विभाग के इसी रैंक के अधिकारी या आरपीएफ के कम से कम एएसआइ रैंक के अफसर को सक्षम अधिकारी माना गया है। इस अभियान के तहत ज्वलनशील और विस्फोटक पदार्थों की जांच के लिए ट्रेनों में लगातार चेकिंग की जाएगी। यह चेकिंग पेंट्रीकारों में भी की जाएगी और कानून का उल्लंघन करने वालों पर रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।