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थैरेपी के नाम पर तोड़ दिए थे हाथ-पैर, शिकायत के तीन माह बाद हुई फिजियोथेरेपी सेंटर पर कार्रवाई

मेडिकल बोर्ड ने भी की हड्डी टूट जाने की पुष्टि, कराने पड़े ऑपरेशन सागर. कटरा विजय टॉकीज रोड पर संचालित हो रहे एक फिजियोथेरेपी सेंटर पर कार्रवाई करने स्वास्थ्य विभाग ने तीन माह लगा दिए। पिछले वर्ष नवंबर माह में दिव्यांग के भाई ने जनसुनवाई में इसकी शिकायत की थी, मामला गंभीर था लेकिन स्वास्थ्य […]

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सागर

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Nitin Sadaphal

Feb 16, 2025

फिजियोथेरेपी सेंटर

मेडिकल बोर्ड ने भी की हड्डी टूट जाने की पुष्टि, कराने पड़े ऑपरेशन

सागर. कटरा विजय टॉकीज रोड पर संचालित हो रहे एक फिजियोथेरेपी सेंटर पर कार्रवाई करने स्वास्थ्य विभाग ने तीन माह लगा दिए। पिछले वर्ष नवंबर माह में दिव्यांग के भाई ने जनसुनवाई में इसकी शिकायत की थी, मामला गंभीर था लेकिन स्वास्थ्य महकमा ने कार्रवाई में लेटलतीफी की और टीम ने अब सेंटर पर नोटिस चस्पा कर उसे अस्थाई रूप से सील कर दिया है। अधिकारियों ने कहा कि घोर लापरवाही की पुष्टि हो चुकी है, जल्द ही सेंटर का पंजीयन भी निरस्त किया जाएगा। आरोप हैं कि सेंटर संचालक अपने 12वीं पास हेल्पर से दिव्यांग की एक साल तक गलत फिजियोथेरेपी कराता रहा और दिव्यांग के हाथ-पैर की हड्डी टूट गई।

सीएमएचओ डॉ. ममता तिमोरी ने बताया कि 25 नवंबर 2024 को अर्पित सिंह नाम के व्यक्ति ने कलेक्टर से जनसुनवाई में शिकायत की थी कि उसके दिव्यांग भाई की फिजियोथेरेपी सेंटर संचालक डॉ. सीमांत पटेल ने अनट्रेंड व अकुशल हेल्पर प्रीति नामदेव से थैरेपी कराई, जिससे दिव्यांग भाई के हाथ-पैर की हड्डी टूट गई। पीडि़त पिछले 1 साल से सेंटर में थैरेपी करा रहा था, शिकायत के बाद जिला अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने भी हड्डी टूटने की पुष्टि की।

जिसके बाद 11 फरवरी 2025 को सिटी मजिस्ट्रेट जूही गर्ग व सीएमएचओ डॉ. ममता तिमोरी ने सेंटर का औचक निरीक्षण किया तो सेंटर में प्रीति नामदेव मिलीं, जो कि संजीवनी फिजियोथेरेपी क्लिनिक पर सहायक के रूप में कार्य करती हैं। इनके पास कोई भी चिकित्सीय फिजियोथेरेपी संबंधित दस्तावेज नहीं मिला। जिसके बाद शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सेंटर पहुंचकर उसे अस्थाई रूप से सील कर दिया और पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

करीब 1 साल तक की गलत थैरेपी

मरीज पिछले 15 साल से जन्म से ही सेरेब्रल पाल्सी नाम की बीमारी से पीडि़त था, जो चलने में असफल था। सेंटर संचालक डॉ. सीमांत पटेल पिछले एक साल से हेल्पर को मरीज के घर भेजकर थैरेपी के नाम पर दिव्यांग को और दिव्यांग बना रहा था, लेकिन जब परिजनों ने जांच करवाई तो सेंटर संचालक की गंभीर लापरवाही सामने आ गई।

-जांचों में सेंटर संचालक की गंभीर लापरवाही और निरीक्षण में अनट्रेंड व अकुशल सहायिका मिलने के बाद टीम ने सेंटर को अस्थाई रूप से सील किया है, सोमवार को पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. ममता तिमोरी, सीएमएचओ।