ठेकेदार के द्वारा मंदिर के पास रात के समय पार्किग में बदल दिया जाता है। इतना ही नहीं मंदिर के सामने वाहनों में बैठकर लोग बैखौफ जाम टकराने लगते हैं। मंदिर परिसर अंधेरा होते ही मयखाने में बदल जाता है। शराबियों के द्वारा शराब की बोतलें, पानी के पाउच सहित अन्य सामग्री भी द्वार के सामने फेंकी जाती है। विरोध करने पर लोगों को धमकाया जाता है।