अधिकारी भी बने बेखर
सागर•Sep 13, 2018 / 04:52 pm•
anuj hazari
Many trains run for months, all the efforts of the railway run over time fail
बीना. बीना जंक्शन से निकलने वाली कई ट्रेनें महीनों से लगातार लेट चल रहीं है। लेकिन इसमें सुधार कराने की जरुरत शायद रेलवे को नजर नहीं आ रही है। यही कारण है कि लेट हो रही ट्रेनों को पटरी पर लाने के लिए रेलवे काम नहीं कर रही है। गौरतलब है कि बीना जंक्शन पहुंचने वाली हजरत निजामुद्दीन-भुसावल एक्सप्रेस कई दिनों से लगतार लेट हो रही है। जिसके कारण यात्री अपने तय समय पर गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रहे है। यदि पूरे साल का आंकड़ा देखा जाए तो यह टे्रन 365 दिनों में बामुश्किल 60 दिन ही तय समय के आसपास बीना जंक्शन पहुंची हो। लेकिन फिर भी रेलवे बोर्ड के अधिकारी इस ओर काम करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं। वहीं दूसरी ओर बनारस से चलकर अहमदाबाद जाने वाली साबरमति एक्सप्रेस का भी साल भर यही हाल रहता है यह ट्रेन भी समय से नहीं पहुंचती है जिस बजह से यात्री परेशान हैं। बुधवार को भी यह ट्रेन अपने निर्धारित समय से साढ़े तीन घंटे लेट पहुंची। जो अपने गंतव्य तक पहुंचते-पहुंचते घंटों लेट हो जाती है। कुछ इसी प्रकार का हाल कामायनी एक्सप्रेस और कुशीनगर एक्सप्रेस का रहता है जो कई दिनों से लगातार अपने निर्धारित समय से लेट चल रही है। रेलवे ने पिछले कुछ सालों में रेलवे के बजट में नई ट्रेनें शामिल न करके जो ट्रेनें चल रहीं हैं उन्हें ही समय पर चलाने पर जोर दिया था लेकिन उस पर काम पूरा नहीं हो पा रहा है। हालात यह है कि स्टेशन पहुंचने वालीं करीब एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनें रोजाना लेट हो रही हैं। जो यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
करीब पचास दिन रहीं थीं ट्रेन निरस्त
गोरखपुर की ओर से आने वाली इन ट्रेनों के लिए स्टेशन के पास रेलवे टे्रक पर काम चलने के कारण करीब पचास दिन तक निरस्त रखा गया। उसके बाद जब इन ट्रेनों को दोबारा चालू किया गया तब से यह ट्रेनें घंटों लेट चल रहीं हैं।
नए रेलमंत्री के आने के बाद नहीं होती ट्वीट पर कार्रवाई
रेलवे सूत्रों ने बताया कि जब से पीयूष गोयल रेलमंत्री बने हैं तब से रेलवे ट्विट पर होने वाली कार्रवाई पूरी तरह से बंद हैं। वहीं पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस सुविधा के चालू होने के बाद हजारों यात्रियों को इसका लाभ दिलाया था। क्योंकि ट्विटर पर शिकायत होने के बाद संबंधित विभाग का अधिकारी यात्री से मिलकर समस्या का निराकरण कराते थे इसके बाद वह यात्री के मोबाइल नंबर पर आने वाली ओटीपी को फिल करता था। तभी यह माना जाता था कि यात्री शिकायत करने के बाद काम पूरा होने से संतुष्ट हैं। लेकिन ट्विटर पर होने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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