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Vidhansabha Chaprasi Bharti: राजस्थान के इस BJP विधायक का बेटा आखिर क्यों बना चपरासी?…जानिए

Rajasthan Vidhansabha Chaprasi Bharti: बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के कारण सभी चाहते हैं कि वे सरकारी नौकरी करें। कुछ ऐसा ही हाल है विधायक जगदीश नारायण मीणा के बेटे का, जिन्होंने मौका देखते ही चपरासी की नौकरी के लिए अप्लाई कर दिया।

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Vidhansabha Chaprasi Bharti

RajasthanVidhansabha Chaprasi Bharti: सरकारी नौकरियां सभी को आकर्षित करती हैं। सरकारी कर्मचारी को न सिर्फ वेतन मिलता है बल्कि उन्हें अन्य भत्ते भी मिलते हैं। साथ ही उन्हें कई प्रकार की सुविधाएं मिलती हैं। वहीं प्राइवेट नौकरी के मुकाबले अधिक छुट्टियां भी मिलती हैं। ऐसे में कौन नहीं चाहेगा कि वे सरकारी नौकरी करे। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के कारण राजस्थान में एक विधायक का बेटा चपरासी बनने गया।

हम बात करे रहे हैं जमवारामगढ़ विधानसभा से बीजेपी के विधायक जगदीश नारायण मीणा के बेटे रामकृष्ण मीणा की। जमवारामगढ राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित एक नगर है। रामकृष्ण मीणा ने करीब 18 हजार उम्मीदवार को पछाड़ते विधानसभा में चपरासी की नौकरी (Chaprasi Job) हासिल की।

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पिता के कहने पर की चपरासी की नौकरी (MLA Ka Beta)

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रामकृष्ण खेती का काम करते थे और अपने विधायक पिता के फील्ड वर्क में उनकी मदद करते थे। वहीं पिता के कहने पर उन्होंने विधानसभा चपरासी भर्ती (Vidhansabha Chaprasi Bharti) के लिए अप्लाई किया।

विधानसभा की वैकेंसी के लिए 25 हजार से ज्यादा लोगों ने किया आवेदन (Vidhansabha Chaprasi Bharti) 

बीते साल राजस्थान विधानसभा में चपरासी (Vidhansabha Chaprasi Bharti) के 18 पद पर वैकेंसी निकाली गई थी। इस पद पर करीब 25, 000 लोगों ने आवेदन किए थे। इनमें से करीब 10, 000 अभ्यर्थी बीए, एमए, डबल एमए, बीटेक और कुछ तो पीएचडी थे। वहीं रामकृष्ण मीणा ने भी इस पद के लिए अप्लाई किया जोकि बस 10वीं पास हैं। विधायक के बेटे ने इस पद के लिए 12वां स्थान हासिल किया। चतुर्थ श्रेणी की इस नौकरी पर अधिकांश भर्ती उन लोगों की हुई है जो विधायकों के रिश्तेदार हैं। ऐसे में इस विधानसभा चपरासी भर्ती पर कई सवाल उठाए गए और ये भर्ती प्रक्रिया शक के घरे में आई।