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राधा रमन इंस्टीट्यूट ने प्रदेश के बाहर भी बांटी फर्जी डिग्री, शिक्षा माफियाओं से तार जुड़े होने का अंदेशा

-अन्य प्रदेशों के छात्रों के परिचय पत्र आए सामने, भारी मात्रा में मिले दस्तावेज व पैसों के लेनदेन की डायरियां-हर साल 100 से ज्यादा फर्जी डिग्री बांटने की आशंका, गांव-गांव में फैले झोलाछाप, इधर एफआइआर के लिए थाने में तीन घंटे बैठी रही समिति

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सागर

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Murari Soni

Apr 13, 2025

सागर. डॉक्टर व पैरामेडिकल की फर्जी डिग्रियां बांटने के जाल में फंसे सिविल लाइन स्थित राधा रमन इंस्टीट्यूट संचालक के तार शिक्षा माफियाओं से जुड़े हो सकते हैं। सेंटर पर मिले दस्तावेजों में प्रदेश के बाहर के कई छात्रों के परिचय पत्र मिले हैं। दस्तावेजों में पैसों के लेनेदेन की डायरियों से लेकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज पाए गए हैं। बताया जा रहा है कि इंस्टीट्यूट संचालक हर साल 100 से अधिक फर्जी डिग्रियां बांट देता था, जिससे अब गांव-गांव में झोलाछाप फैल गए हैं। बाल संरक्षण आयोग को सूचना मिली है कि इस इंस्टीट्यूट की फर्जी डिग्री से 5 से अधिक जगह अनट्रेंड युवा ग्रामीणों का इलाज भी कर रहे हैं। वहीं राधा रमन इंस्टीट्यूट संचालक सुनील नेता पर एफआइआर कराने सीडब्ल्यूसी टीम शनिवार को 3 घंटे तक गोपालगंज थाना परिसर में बैठी रही।

8 साल में पैदा कर दिए 1500 फर्जी डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ-

10 साल पहले संस्थान को प्रधानमंत्री कौशल विकास का कार्य मिला जो 2 साल चला, उसके बाद से ही यह संस्थान फर्जी तरीके से चल रहा था। राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य औंकार सिंह ने बताया कि दस्तावेजों में संकेत मिले हैं कि यहां हर साल 100-200 छात्र होते थे, यानि 8 साल में संस्थान ने देश, प्रदेश में 1500 से अधिक फर्जी डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ खड़ा कर दिया है।

ललितपुर-दमोह के परिचय पत्र सामने आए-

समिति सदस्यों ने मौके पर मिले दस्तावेजों में ललितपुर, दमोह के अलावा अन्य प्रदेशों के छात्रों के परिचय पत्र भी मिले हैं। जो सबूत मिले हैं उससे स्पष्ट होता है कि 9वीं-10वीं पास करने वाले छात्र इनके टारगेट पर होते थे। यह उन्हें कॉल कर डॉक्टर्स बनाने का प्रलोभन देते और 3200-4500 रुपए वसूलते थे। हालांकि कई बोरियों में अभी दस्तावेज रखे हुए हैं, आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।

दोपहर 3 से रात 8 बजे तक बैठी रही समिति-

सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष किरण शर्मा, सदस्य सुरेंद्र सेन, वंदना तोमर सहित अन्य शनिवार दोपहर 3 बजे गोपालगंज थाना पहुंचे जहां उन्होंने सीडब्ल्यूसी की तरफ से आरोपी पर एफआइआर की मांग की, लेकिन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के धार्मिंक आयोजनों में व्यस्तता के चलते समिति 8 बजे वापिस आ गई। रात 10 बजे तक एफआइआर नहीं हो पाई।

-पैरामेडिकल के पंजीयन भोपाल से होते हैं, यहां स्वास्थ्य विभाग से कोई पंजीयन नहीं होते, हमारे पास इसकी कोई शिकायत भी नहीं आई। कलेक्टर के निर्देश पर जिलेभर में झोलाछाप डॉक्टर्स पर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. ममता तिमोरी, सीएमएचओ।

-बड़ी मात्रा में सेंटर से दस्तावेज जब्त किए हैं, दो कमरे अभी सील हैं। एफआइआर के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है, जो दस्तावेज मिले हैं इससे आशंका है कि इस संस्थान के तार प्रदेश के बाहर भी जुड़े हो सकते हैं।

औंकार सिंह, सदस्य, राज्य बाल संरक्षण आयोग।