
सागर. आमतौर पर लोग नौकरी, जमीन-जायदाद या अन्य प्रकार का आर्थिक लाभ पाने के लिए कूटरचित दस्तावेज तैयार करते हैं, लेकिन शहर में एक नए प्रकार का मामला सामने आया है। एक व्यक्ति ने अपने मृत पिता की भू-अभिलेख पुस्तिका पर खुद की फोटो लगाकर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए, फर्जी शपथपत्र भी बनवाया और इन्हीं दस्तावेजों के सहारे जमानतदार बनकर न्यायालय से अपनी पहचान की महिला को जमानत दिला दी। मामला सामने आने के बाद जांच कराई जिसमें फर्जीवाड़े की पुष्टि हो गई। इसके बाद न्यायालय शहाबुद्दीन हाशमी सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश के आदेश पर गोपालगंज थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है।
पुलिस के अनुसार रहली के खमरिया गांव निवासी महेश लोधी ने न्यायालय में कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर अभियुक्त अनीता पत्नी संजय प्रजापति को जमानत पर मुक्त कराया था। महेश लोधी ने स्वंय के पिता राजाराम पुत्र परमसुख बताकर फर्जी शपथ पत्र पर दस्तावेजों की कूटरचना कर न्यायालय के साथ धोखाधडी व छल करके जमानत प्रस्तुत कर न्यायालय से जमानत का लाभ प्राप्त किया।
मामला सामने आने के बाद रहली के खमरिया गांव निवासी जमानतदार राजाराम पुत्र परमसुख के खिलाफ धारा 446 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया था। न्यायालय ने इस संबंध में नगर पालिका रहली ने जमानतदार के संबंध में प्रतिवेदन मांगा, जिसमें नगर पालिका ने बताया कि थाना प्रभारी ने जो दस्तावेज जांच के लिए दिए हैं, उनमें शपथ पत्र पर लगी फोटो स्वर्गीय राजाराम की नहीं, बल्कि उनके बेटे महेश लोधी की है।
Published on:
02 May 2025 11:33 am
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